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Updated on: 26 November, 2022 11:28 AM IST
उर्वरक खरीदने जा रहे हैं तो साथ रखें ये डॉक्यूमेंट, नहीं तो खाली हाथ लौटना पड़ेगा

रबी सीजन चल रहा है. अलग-अलग राज्यों के किसान फसल बो चुके हैं. अब फसलों पर खाद-उर्वरक डालने का समय आ चुका है. कीटों से बचाव व फसल के बेहतर उत्पादन के लिए खाद डालना अनिवार्य है. ऐसे में किसान फसलों के हिसाब से खाद का चुनाव कर उर्वरक खरीद रहे हैं. फसलों के बेहतर बचाव व प्रोडक्शन के लिए उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में फर्टिलाइजर्स की बिक्री शुरू हो चुकी है. 

प्रदेश सरकार ने विभिन्न केंद्रों के द्वारा सरकारी खाद देने की भी व्यवस्था की है. वहीं उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने और किसानों को सही दाम में खाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एक आदेश जारी किया है. जिसके मुताबिक किसानों को ब्रिकी केंद्रों पर कुछ जरूरी दस्तावेज लेकर जाना होगा, इन दस्तावेजों के बिना किसानों को खाद-बीज खरीदने में परेशानी आ सकती है.

बता दें कि उत्तरप्रदेश के लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़, कानपुर समेत सभी 75 जिलों में किसानों को उर्वरक दिया जा रहा है. अब किसानों को खरीद केंद्रों पर आधार कार्ड और खतौनी साथ लेकर जाना होगा. इसके अलावा अगर किसी किसान ने जमीन पट्टे यानि लगान पर ले रखी है, तो उसकी भी खतौनी लेकर जाना होगा. इसके साथ ही फर्टिलाइजर लेने के बाद कैश मेमो जरूर लें. उक्त दस्तावेज के बिना खाद नहीं दी जाएगी.

वहीं कृषि विभाग ने उर्वरक बिक्री करने वालों पर सख्ती की है. रिटेल विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि खाद ब्रिकी के लिए रिटेल में जो कीमतें तय की गई हैं, उसी पर बिक्री करें. फर्टिलाइजर विक्रेता अपने प्रतिष्ठान पर डेली स्टॉक व रेट बोर्ड जरूर लगाएं. सभी उत्पादों के रेट स्पष्ट रूप से लिखे जाने चाहिए. विक्रेताओं को फर्म में उपलब्ध उर्वरक की मात्रा भी लिखनी होगी. यदि कोई भी विक्रेता तय रेट से अधिक पर उर्वरक बेच रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही फर्टिलाइजर की बिक्री पीओएस मशीन से होगी. किसानों को दिए जाने वाले फर्टिलाइजर बिक्री का ब्यौरा रजिस्टर पर लिखना होगा. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को फर्टिलाइजर देने के बाद कैश मेमो जरूर दें और किसानों की मर्जी के खिलाफ किसी भी प्रकार का उर्वरक टैग

अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है. लेकिन कई बार बिक्री केंद्रों से खाद बेचने में धोखाधड़ी करने और कालाबाजारी करने के मामले सामने आते हैं. बिक्री केंद्र से खाद की कालाबाजारी कर उन्हें प्राइवेट तौर पर महंगे दामों में बेचा जाता है.

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इससे किसानों को खाद नहीं मिल पाती और बाद में उन्हें महंगे दामों पर बाजार से खाद खरीदनी पड़ती है. जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान होता है. इसलिए इस बार खाद खरीदी के नियमों में संशोधन करते हुए कुछ दस्तावेजों को जरूरी कर दिया गया है, ताकि खाद बिक्री का डेटा बनाया जा सके और कालाबाजारी रोकी जा सके. ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे फर्टिलाइजर खरीद के लिए जाते समय अपना आधार कार्ड, खतौनी, पट्टे वाली जमीन की खतौनी जरूर लेकर जाएं.

English Summary: If you are going to buy fertilizers, keep these documents with you, otherwise you will return empty-handed
Published on: 26 November 2022, 11:32 AM IST

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