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Updated on: 9 February, 2023 4:16 PM IST
तस्वीरों से मोटे अनाजों की पहचान करें

भारत की कोशिशों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को मोटे अनाजों का साल (International Year of Millets- 2023) किया. उच्च पौष्टिक गुणों से भरपूर मोटे अनाज (Millets) हमारे पारम्परिक अनाज हैं. 

हमारा देश दुनियाभर में मोटे अनाजों का प्रमुख उत्पादक है. कम पानी, कम ख़र्च और शुष्क जलवायु में भी अच्छा उत्पादन देने वाले मोटे अनाज खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिहाज से अच्छे अनाज हैं. ये प्रोटीन, फ़ाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स से भरपूर होने के साथ ग्लूटेन मुक्त (Gluten Free) होते हैं. गेहूं और चावल के मुक़ाबले ये अनाज कम ख़र्च में आसानी से उगाए जा सकते हैं.

आज हम आपको तस्वीरों के ज़रिये कुछ मोटे अनाजों की पहचान करा रहे हैं-

बाजरा
कंगनी
कुटकी
कुट्टू
कोदो
चीना
ज्वार
रागी
सांवा

दुनियाभर के तमाम देश मोटे अनाजों के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. भारत में भी मोटे अनाजों को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसके लिए प्रयासरत हैं. आमतौर पर मोटे अनाजों से बने व्यंजन युवा पीढ़ी को बोरिंग लगते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब मोटे अनाजों के अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जा रहे हैं

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जैसे- रागी/मडुए के रसगुल्ले, मडुए के आटे का पिज़्ज़ा, बाजरे का डोसा, बाजरे की रबड़ी, बाजरे का कटलेट वग़ैरह-वग़ैरह जो सेहत के नज़रिये से तो अच्छे हैं ही साथ ही खाने में भी लज़ीज़ हैं. लेकिन मोटे अनाजों की हमारी थाली में फिर से वापसी तभी मुमकिन है जब लोग गेहूं, चावल की तुलना में अपने खाने में इसे तवज्जो देंगे. मिलेट्स यानि मोटे अनाजों को अपने खाने में शामिल करने से हम न सिर्फ़ सेहतमंद रहेंगे बल्कि हमारे किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे.

English Summary: identify millets crops according to these pictures
Published on: 09 February 2023, 04:29 PM IST

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