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Updated on: 14 January, 2020 12:56 PM IST

उर्वरकों का कृषिजगत में अहम योगदान माना जाता है. क्योंकि इनके प्रयोग से एक ओर जहां फसलों का उत्पादन बढ़ा है। तो वहीं दूसरी ओर भूमि की उर्वरता भी सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई है। चूंकि कृषि फसलें मिट्टी के खनिज तत्वों तथा नाइट्रोजन, फास्फोरस, गंधक, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम  एवं लौह तत्वों को तेजी से ग्रहण करती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मिट्टी की उर्वरता को बनाये रखने के लिए उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इस उद्योग में भी मिलवाट के मामले सामने आने लगी है आएं दिन मीडिया में ऐसी खबरें आती रहती है कि नकली खाद और कीटनाशक धड़ल्ले से बेचा जा रहा था. जिसे अब सील कर दिया गया है. ऐसे में आइए आज हम आपको असली और नकली खाद की पहचान करने के बारे में बताते है जिसके  सहायता से आप असली और नकली खाद की पहचान आसानी से कर पाएंगे- 

डी.ए.पी.

डी.ए.पी. खाद के कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर यदि उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंघना मुश्किल हो जाये तो समझें कि ये डी.ए.पी. असली है. डी.ए.पी. को पहचानने की एक और सरल विधि है. यदि हम डी.ए.पी. के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें यदि ये दाने फूल जाते है तो समझ लें यही असली डी.ए.पी. है. डी.ए.पी. के दाने भूरे काले एवं बादामी रंग के होते है. और नाखून से आसानी से नहीं टूटते हैं.

यूरिया

यूरिया की असली पहचान है इसके सफेद चमकदार लगभग समान आकार के कड़े दाने इसका पानी में पूर्णतया घुल जाना तथा इसके घोल को छूने पर शीतल अनुभूति होना ही इसकी असली पहचान है. यूरिया को तवे पर गर्म करने से इसके दाने पिघल जाते है यदि हम आंच तेज कर दें और इसका कोई अवशेष न बचे तो समझ लें यही असली यूरिया है.

सुपर फास्फेट

सुपर फास्फेट की असली पहचान है इसके सख्त दाने तथा इसका भूरा काला बादामी रंग. सुपर फास्फेट के कुछ दानों को गर्म करें यदि ये नहीं फूलते है तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है ध्यान रखें कि गर्म करने पर डी.ए.पी. व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है. सुपर फास्फेट नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है. किसान ध्यान रखें इस दानेदार उर्वरक में मिलावट बहुधा डी.ए.पी. व एन.पी.के. मिक्स्चर उर्वरकों के साथ की जान की सम्भावना बनी रहती है.

पोटाश

पोटास की असली पहचान है इसका सफेद कड़ाका इसे नमक तथा लाल मिर्च जैसा मिश्रण. पोटाश के कुछ दानों को नम करें यदि ये आपस में नही चिपकते है तो समझ लें की ये असली पोटाश है. किसान भाइयों एक बात और पोटाश पानी में घुलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है.

जिंक सल्फेट

जिंक सल्फेट की असली पहचान ये है कि इसके दाने हल्के सफेद पीले तथा भूरे बारीक कण के आकार के होते है. किसान भाइयों जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है. भौतिक रूप से सामान्य होने के कारण इसके असली व नकली की पहचान करना कठिन होता है. किसान भाइयों एक बात और डी.ए.पी. के घोल मे जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बनाया जाता है. जबकि डी.ए.पी. के घोल में मैगनीशियम सल्फेट का घोल मिलाने पर ऐसा नही होता है. यदि हम जिंक सफेट के घोल मे पलती कास्टिक का घोल मिलायें तो सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है. यदि इसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिला दें तो ये अवशेष पूर्णतया घुल जाता है. किसान भाइयों इसी प्रकार यदि जिकं सल्फेट की जगह पर मैगनीशियम सल्फेट का प्रयोग किया जाय तो अवशेष नहीं घुलता है.

English Summary: Identification of fake manure: know Your urea and D.A.P. Manure is real or fake
Published on: 14 January 2020, 01:43 PM IST

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