Vegetables Pests: किसान अधिक लाभ पाने के लिए अपने खेत में एक साथ अन्य कई चीजों की खेती करते हैं. ज्यादातर किसान अपने खेत में सीजन के अनुसार सब्जियों की खेती करते हैं. ताकि वह कम लागत और समय पर अच्छी उपज प्राप्त कर सकें. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सब्जियों की खेती/sabjiyon ki kheti से अच्छी पैदावार पाने के लिए किसानों को सब्जियों के प्रमुख कीट/व्याधि की पहचान एवं प्रबंधन/Identification and Management of Major pests of Vegetables करना बेहद जरूरी है. अन्यथा वह नुकसान का सामना कर सकते हैं.
ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम सब्जियों में लगने वाले तना एवं फल छिदक, सफेद मक्खी, फल सड़न और उखड़ा रोग की पहचान और प्रबंधन संबंधी जानकारी के बारे में जानते हैं...
सब्जियों के प्रमुख कीट/व्याधि की पहचान एवं प्रबंधन
तना एवं फल छिद्रक: यह पिल्लू के अंदर प्रवेश कर फसल को बर्बाद कर देता है.
प्रबंधन-
- अक्रांत फलियों को जमा कर जला दें.
- खेत में लाईट ट्रैप का प्रयोग करें.
- 08-10 फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग प्रति हेक्टेयर खेत में लगाएं.
- साइपरमेथ्रीन 10 प्रतिशत ई0सी0 का 1.5 मिली/लीटर या इमामेक्टीन बेंजोएट 0.5 प्रतिशत एस.जी. का 1 ग्राम/4 लीटर पानी का छिड़काव करें.
सफेद मक्खी: शिशु एवं वयस्क दोनों ही पत्तियों का रस चूसते हैं. यह कीट विषाणु रोग का वाहक भी होता है.
प्रबंधन: खेत को खरपतवार से मुक्त रखें. इसके अलावा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. का मिली/3 लीटर या पाइरिप्रोक्सीफेन 10 प्रतिशत ई.सी का 1.5 मिली./लीटर पानी का छिड़काव करें.
फल सड़न: पत्तियों पर धब्बे बनते हैं. जमीन से सटे फलों के भाग को ज्यादा आक्रांत करता है.
प्रबंधन: कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 3 किलोग्राम/हेक्टेयर या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 1 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें.
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उखड़ा रोग: पौधे की निचली पत्तियां पीला पड़ने के बाद पौधा ही सूखने लगता है.
प्रबंधन: आक्रांत फसल पर कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 1 ग्राम/लीटर पानी या कासुगामाइसिन 5 प्रतिशत+कॉपर आक्सीक्लोराइड 45 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 1.5 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर मिट्टी में छिड़काव करें.