सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 31 January, 2024 5:16 PM IST
फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान एवं प्रबंधन

मक्का को मुख्य खरीफ फसल माना जाता है. इसकी खेती दाने, भुट्टे और हरे चारे के लिए होती है. लेकिन किसानों के लिए मक्का फसल में सबसे बड़ी परेशानी फसल में लगने वाली कीट व रोगों की होती है. देखा जाए तो मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट सबसे अधिक लगते हैं. अगर मक्का की फसल में एक बार यह कीट लग जाता हैं, तो यह पूरी फसल को खराब कर देता है, जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान पहुंचता है.

किसानों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए बिहार कृषि विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान एवं प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. ऐसे में आइए इसके बारे में जानते हैं-

मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान

फॉल आर्मीवर्म कीट के लार्वा हरे, जैतून, हल्के गुलाबी या भूरे रंगों में दिखाई देते हैं तथा प्रत्येक उदर खंड में चार काले धब्बों और पीठ के नीचे तीन पैटर्न और उदर खंड नौ पर समलम्बाकार (ट्रेपीजॉयड) आकार में व्यवस्थित होते हैं. सिर पर आँखों के बीच में अंग्रेजी भाषा के उल्टा Y आकार की एक सफेद रंग की संरचना बनी होती है. बता दें कि फॉल आर्मीवर्म कीट के वयस्क पतंगे एक दिन में लगभग 100 किलोमीटर से भी अधिक उड़ सकते हैं.

फॉल आर्मी वर्म कीट को रोकने के उपाय

फॉल आर्मी वर्म कीट नियंत्रण हेतु प्रति हेक्टेयर 10 फेरोमोन फंदा का प्रयोग करें. फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान एवं लार्वा की तीसरी और चौथी इंस्टार के द्वारा नुकसान होने पर नियंत्रण हेतु निम्नलिखित रासायनिक कीटनाशकों के छिड़काव की आवश्यकता होती है :-

  • स्पिनेटोरम 11.7% एस०सी० @0.5 मिली०/ लीटर पानी

  • क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस०सी० @ 0.4 मिली० / लीटर पानी

  • थियामेथॉक्सम 12.6%+लैम्बडा साइहैलोथ्रीन 9.5% जेड सी @ 0.25 मिली० / लीटर पानी

  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस०जी० @ 0.4 ग्राम / लीटर पानी

ये भी पढ़ें: मक्का की खेती की संपूर्ण जानकारी, किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा

पांचवें एवं छठे इंस्टार लार्वा बड़े पैमाने पर पत्तियों को खाकर नष्ट करते हैं और बड़ी मात्रा में मल पदार्थ का उत्सर्जन करते हैं . इस स्तर पर केवल विशेष चारा (फँसाने हेतु जहरीला पदार्थ चुग्गा) ही एक प्रभावी उपाय है. इसके लिए 2-3 लीटर पानी में 10 किलोग्राम चावल की भूसी और 2 किलोग्राम गुड़ मिलायें और मिश्रण को 24 घंटे तक (किण्वन) के लिए रखें. खेतों में प्रयोग करने से ठीक आधे घंटे पहले 100 ग्राम थार्थोडिकार्ब 75% WP मिलाएं और 0.5-1 से०मी० व्यास के आकार की गोलियां तैयार करें . इस तरह तैयार किए गए विशेष जहरीले पदार्थ चुग्गा को शाम के समय पौधे की गम्भा (Whorl) में डालना चाहिए. यह मिश्रण एक एकड़ क्षेत्र के लिए पर्याप्त होता है.

English Summary: Identification and management of fall armyworm pest in maize crop pests in maize crop disease in maize crop maize farming makka ki kheti
Published on: 31 January 2024, 05:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now