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Updated on: 12 February, 2019 5:35 PM IST

समय बदलने के साथ-साथ सबकुछ बदलता है और मानव तकनीक और शिक्षा के दम पर नए-नए आविष्कार को जन्म देता रहता है. ऐसा ही एक आविष्कार है छत पर खेती. शुरुआत में यह एक प्रयोग भर था परंतु अब यह चलन में है और एक ट्रेंड बन गया है. कृषि जगत में जहां हर फसल, बीज,पौध और मशीनरी पर आविष्कार हो रहे हैं, उन्हीं मे से यह भी एक सफल आविष्कार है.

कैसे मिल रहे हैं परिणाम

छत पर खेती करना शुरुआत में एक प्रयोग मात्र था परंतु जब यह देखा गया कि यह मुनाफे का सौदा है तो इसको बढ़ावा दिया गया. जिन लोगों ने छत पर खेती की शुरुआत की उन्हें हर चीज़ में पैसा कम लगाना पड़ा जैसे -

बीज

जब ज़मीन में बीज बोया जाता हैं तो बीजों की कोई निश्चित मात्रा नहीं होती है परंतु जब हम गमले या किसी दूसरे बर्तन में बीज डालते हैं तो हमें यह पता होता है कि एक गमले या बर्तन में कितने बीज डालने हैं.

पानी

पानी जहां पौध के लिए वरदान है वहीं अभिशाप भी. पानी अधिक बढ़ जाने से फसलें तक खराब हो जाती हैं तो पौधा क्या टीकेगा, परंतु छत पर खेती करते हुए गमले में यह अंदाज़ा आ जाता है कि पौधे को कितना पानी देना है.

खाद और कीटनाशक

खाद हो या कीटनाशक, खेती करने वालों के दिमाग में इन दोनों को ही लेकर दुविधा रहती है. एक ओर जहां इंसान जैविक खेती करना चाहता है वहीं दूसरी ओर रसायनों के इस्तेमाल के बिना उसका काम नहीं चलता और समय-समय पर खाद भी डालनी पड़ती है परंतु छत पर एक निश्चित जगह होने के कारण खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल एक निश्चित मात्रा में किया जा सकता है.

सूर्य का मिलता है पूरा साथ

छत पर खेती करने से एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि छत पर पौधों को सूर्य की किरणों से मिलने वाला पोषण सही मात्रा में मिलता रहता है और गर्मी के दिनों में आप छत पर हरे रंग का कैनवास डाल कर पौधों को लू और अधिक गर्मी से बचा सकते हैं.

English Summary: How to start terrace gardning
Published on: 12 February 2019, 05:39 PM IST

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