सब्जी उत्पादन में हमारा देश चीन के बाद दूसरे स्थान पर आता है. वैसे सब्जी वर्ग की फसलों में टमाटर का अपना महत्व है. उत्पादन के लिहाज से भी टमाटर एक महत्वपूर्ण सब्जी है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसके फसल को वर्षभर उगाया जा सकता है, बस शर्त यही है कि पाला न पड़े. इसका उपयोग मुख्य तौर पर आचार, चटनी, सूप, सॉस आदि बनाने के लिए किया जाता है. हालांकि टमाटर की फसल में कई प्रकार के कीट लग जाते हैं, जो इसे भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इन कीटों के आक्रमण से फसलों को बचाने के लिए जरूरी है कि हमें उनका समाधान पता हो. चलिए आपको टमाटर में लगने वाले प्रमुख कीटों और उनके समाधान के बारे में बताते हैं.
सफेद लट
यह कीट टमाटर की फसलों पर आकर उन्हें तबाह कर देते हैं. इन कीटों का प्रमुख लक्ष्य पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाना होता है. इनके आक्रमण के कारण पौधा सूखकर मर जाता है.
प्रबन्धन
फसल चक्र को ध्यान में रखते हुए बुवाई का काम करना चाहिए. ये कीट पौधों पर भारी संख्या में बैठे रहते हैं, जिनको हाथ या किसी लकड़ी से हटाकर जमीन में दबा देना चाहिए. इस कीट के नियंत्रण हेतु फोरेट 10 जी का उपयोग किया जा सकता है.
फल छेदक
यह कीट भूरे रंग का होता है, जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है. ये शुरू में मुलायम पत्तों पर हमला करती है और बाद में फलों को अपना निशाना बनाता है. एक ही कीट 8 से अधिक फलों को नष्ट करने में सक्षम होती है. इसका आक्रमण हरे फलों पर सबसे अधिक होता है.
प्रबंधन
फसलों को इससे बचाने के लिए क्षतिग्रस्त पौधों के तनो तथा फलों को एकत्रित करके नष्ट कर देना सही है. मकड़ी एवं परभक्षी कीटों के विकास से इसको रोका जा सकता है. इसके लिए मुख्य फसल के बीच-बीच में और चारों तरफ बेबीकॉर्न लगा सकते हैं. इसकी निगरानी के लिए 5 फेरोमोन ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाया जा सकता है.
सफेद मक्खी
जैसा की नाम से ही प्रतित हो रहा है कि यह सफेद रंग का होता है. इसका आकार छोटा होता है. सफेद मक्खी प्रौढ़ वह निम्फ, दोनों ही पौधों का रस चुसकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है. अगर पौधों के आस-पास पानी भरा हुआ है तो नुकसान की आशंका और भी बढ़ जाती है.
प्रबंधन
सफेद मक्खी के आक्रमण से बचने के लिए इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग करें. इमिडाक्लोप्रिड 17.8. एस. एल. 1 मिलीलीटर को 2 लीटर पानी में घोलकर उसका छिड़काव करें. ध्यान रहे कि कीटनाशक के छिड़काव से पहले तैयार फलों को तोड़ लेना सही है. कीटनाशक के छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक फलों का उपयोग नहीं करना चाहिए.