देश के कई राज्यों में बाजरा शुष्क क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खरीफ की फसल है, लेकिन बाजरे की खेती करने वाले किसानों की आम समस्या फसलों में कीट व फड़का का लग जाना है.
यही वजह है कि बाजरे की खेती करने वाले किसानों को कृषि विशेषज्ञ कीट और रोग नियंत्रण करने की सलाह देते हैं. इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक किसानों को बाजरे की उत्तम पैदावार के लिए खेत की अच्छी तैयारी, उन्नत किस्मों का चुनाव, समय पर बुआई और संतुलित मात्रा में खाद व उर्वरक के उपयोग के फॉर्मुला भी आए दिन बताते हैं, ताकि किसान बाजरे की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें.
राजस्थान के किसान बाजरा में कीट व फड़का लगने से परेशान
ताजा मामला राजस्थान से है. इन दिनों राज्य के जयपुर के किसान बाजरे की फसल में लगने वाले कीट व फड़का से बेहद परेशान हैं. आलम ये है कि उन्हें इसकी वजह से नुकसान भी झेलना पड़ रहा है. इसी कड़ी में कृषि विभाग की टीम ने जयपुर स्थित कोटपूतली शहर में सर्वे किया और किसानों को बाजरे की फसलों को फड़का व कीट के प्रकोप से बचाने के आसान फॉर्मुला के बारे में बताया.
कृषि विभाग की टीम ने बताया ये आसान उपाय
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, एक सहायक कृषि अधिकारी ने किसानों को बाजरे की फसलों को तना मक्खी व तना छेदक कीट के नियंत्रण के उपाय के बारे में बताते हुए सलाह दी है कि किसान अपनी फसल में इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एसएल आधा मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी की दर से छिड़क सकते हैं. इसके साथ ही क्लोरोपायरिफोस 20 ईसी या फिप्रोनिल 3 प्रतिशत जी/ 5 प्रतिशत एससी / 3.5 प्रतिशत एससी या क्लोरोपायरिफोसविक्रय का भी उपयोग कर सकते हैं.
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किसान सावधानी से करें छिड़काव
इस दौरान सहायक कृषि अधिकारी ने किसानों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि कीटनाशक का छिड़काव करते वक्त अपने बचाव के लिए पूरी तैयारी कर लें और अपने को बचाते हुए सावधानीपूर्वक छिड़काव करें.
बता दें कि कोटपूतली के कई क्षेत्र के किसान बाजरे की फसलों में फड़का व कीट लगने के प्रकोप से काभी परेशान थे, जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना कृषि विभाग की टीम को दी. इसके बाद कृषि विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को इससे बचने के उपाय बताये.