Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 August, 2021 11:21 AM IST
Maize

मक्का एक बहुउपयोगी फसल है, जिसका उपयोग मानव के साथ-साथ पशुओं के आहार के रूप में भी किया जाता है. भारत में मक्का की खेती पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी की जाती है. कुछ फसलें ऐसी होती हैं, जो सिर्फ खरीफ ऋतु में ही उपयुक्त रहती है, तो कुछ ऐसी होती हैं, जो सिर्फ रबी सीजन में ही उपयुक्त रहती है, लेकिन मक्का की सब बड़ी खासियत यह है कि इसे रबी के साथ-साथ खरीफ के ऋतु में भी उगाया जाता है.

सिंचाई के साधन की अनुपलब्धता में भी इसकी खेती संभव है, इसलिए इसे खरी ेफ के साथ-साथ रबी के सीजन में भी उगाया जाता है. आइए, इस लेख में आगे जानते हैं कि अगर कोई किसान भाई मक्का की खेती करना चाहता है, तो वो इसकी खेती कर सकता है और इसकी खेती करते दौरान उसे किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 

मिट्टी की तैयारी 

किसान भाइयों, जैसा कि हम आपको अपने हर लेख में बताते हैं कि किसी भी फसल को उगाने के लिए मिट्टी की तैयारी उसका प्रथम पड़ाव होता है, जिससे हर फसल को गुजरना होता है, लेकिन हर फसल की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी अलग-अलग शैली से होती है.

वहीं, अगर बात मक्का की खेती के दौरान मिट्टी की तैयारी की करें तो सबसे पहले आपको पानी गिरने के बाद जून में हेरो करने के बाद पाटा चला देना चाहिए.
इसके अलावा आप मिट्टी को तैयार करने हेतु गोबर के खाद का उपयोग कर सकते हैं.

इसके बाद आप अंतिम जुताई के बाद आप इसे मिट्टी में मिला सकते हैं. रबी के मौसम में आपको मिट्टी की दो मर्तबा जुताई करनी होगी. जब आप एक बार किसी भी फसल को उगाने के लिए मिट्टी तैयार कर लेते हैं तो यूं समझिए की आपका 50 फीसद काम पूरा हो चुका होता है. आइए, इस लेख में आगे के चरणों के बारे में जानते हैं.

बुवाई का समय

मक्का की खेती तीनों ऋतुओं में की जाती है. आप इन ऋतुओं में मक्के की बावई कर सकते हैं.

  1. जून-जुलाई
  2. अक्टूबर से नवंबर
  3. फरवरी से मार्च

मक्का की खेती करते समय खरपतवार को कैसे करें नियंत्रि

फसल चाहे कोई भी हो, लेकिन खरपतवार की समस्या हर फसल के साथ रहती है. ऐसे में किसान भाइयों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह रहती है कि वे कैसे इन खरपतवारों से अपने फसलों को बचाएं. हर फसल को खरपतवार से बचाने के लिए अलग-अलग विधियां निर्धारित की गई है.

वहीं, मक्के को भी खरपतवार से बचाने के लिए अलग तरह की विधियां निर्धारित की गई है. आइए, इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं.सबसे पहले यह जान लीजिए मक्के की फसल में विभिन्न  प्रकार के खरपतवार होते हैं, लेकिन मक्के की फसल को खरपतवार से बचाने के लिए आपको यह जानना होगा कि आखिर उसे किस तरह के खरपतवार ने अपने कब्जे में लिया है.

यह खरपतवार इस प्रकार रहते हैं:- सांठी, चौलाई, भाखडी, बिस्कोपरा, जंगली जूट, दूधी, हुलहुल, नुपिया, सांवक आदि है. अब आइए, आगे इस लेख में जानते हैं कि आखिर आप इन खरपतवार पर कैसे नियंत्रण पा सकते हैं.

ऐसे करें खरपतवार पर नियंत्रण

400 से 600 ग्राम एट्राजीन (50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर) प्रति एकड़ 200 से 250 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के तुरंत बाद छिडकने से इनपर नियंत्रण किया जा सकता है. इसके अलावा आपइन खरपतवारों पर नियंत्रण करने हेतु टेबोट्रायोन (लोदिस 34.4% घु.पा.) का 115 मि.ली. तैयार शुद्ध मिश्रण + 400 मि.ली. चिपचिपे पदार्थ को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 10 से 15 दिन बाद या खरपतवार की 2–3 पत्ती अवस्था पर प्रति एकड़ स्प्रे करें.

मक्के पर कीटनाशकों का छिड़काव

जैसा कि हम सब जानते हैं कि खाद एवं उर्वरक किसी भी फसल को बढ़ाने में काफी उपयोगी साबित होते हैं, लेकिन किस तरह का खाद एवं उर्वरक किस फसल में कैसे उपयोग करना है. यह काफी मायने रखता है और यह फसल की प्रकृति पर भी निर्भर करता है.

आइए, अब आपको बताते हैं कि आप कैसे मक्के की फसल पर खाद का छिड़काव कर सकते हैं. नाईट्रोजन – 60 किलोग्राम (यूरिया 46% वाली 130 किलोग्राम) / एकड़ फास्फोरस – 24 किलोग्राम (सिंगल सुपरफास्फेट 16% वाली 150 किलोग्राम) / एकड़ पोटाश – 24 किलोग्राम (म्यूरेट फास्फेट 60% वाली 40 किलोग्राम) / एकड़ इसके अलावा जिंक सल्फेट 12% वाली 10 किलोग्राम प्रति एकड़

इन उक्त अवयवों के साथ आप मक्के की फसल पर खाद का छिड़काव कर सकते हैं. अगर आप इन अवयवों के साथ मक्के पर खाद का छिड़काव करेंगे, तो आपको इसका बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा....

कृषि अधिकारी का बयान

वहीं, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के अधिकारी सुजय रक्षित ने इस संदर्भ में कहा कि मक्के की खेती किसान भाइयों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है, लेकिन एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

मक्के की खेती व उससे प्राप्त होने वाला लाभ कई कारकों को निर्भर करता है. जैसे आप किस मिट्टी और किस तरह के वातावरण में खेती कर रहे हैं. अगर इन बातों का विशेष ध्यान रखकर आप मक्के की खेती कर सकते हैं. वहीं, आप अगर मक्के की खेती के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप गूगल प्ले स्टोर से भारतीय मक्का एप डाउनलोड कर सकते हैं.

यहां से आपको हर तरह की जानकारी प्राप्त हो जाएगी....तो किसान भाइयों यह रहा मक्के की फसल के संदर्भ में हमारा लेख. वहीं, दूसरी फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम  

English Summary: How to protect maize crop from weeds
Published on: 27 August 2021, 11:46 AM IST

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