गन्ना मुख्य रूप से व्यवसायिक फसल है. विपरीत परस्थितियां भी गन्ना की फसल को अधिक प्रभावित नहीं कर पाती. इन्ही विशेष कारणों से गन्ना की खेती अपने आप में सुरक्षित व लाभ की खेती है.
हमने अपने पिछले लेख में बताया था की गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) क्यों करे. इस लेख में उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आप जानेंगे की गन्ने के लिए उपयुक्त भूमि, मौसम और खेत की तैयारी कैसे करें ?
गन्ने के लिए उपयुक्त भूमि (land suitable for sugarcane)
गन्ने के खेती के लिए सबसे उपयुक्त ज़मीन मध्यम भारी काली मिट्टी मानी जाती है. इसके आलावा दोमट मिट्टी भी उपयुक्त है लेकिन उसके लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था व जल का निकास अच्छा साधन होना चाहिए और जमीन का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच का हो तो ज्यादा अच्छा माना जाता है.
गन्ने के लिए उपयुक्त मौसम (Suitable season for sugarcane)
आम तौर पर गन्ने की बुआई साल में दो बार की जाती है.
गन्ने के लिए शरदकालीन बुवाई (Autumn sowing for sugarcane)
इसमें अक्टूबर -नवम्बर में फसल की बुवाई करते हैं और फसल 10-14 महीने में तैयार हो जाती है.
गन्ने के लिए बसंतकालीन बुवाई (Spring sowing for sugarcane)
इसमें फरवरी से मार्च तक फसल की बुवाई करते हैं. इसमें फसल 10 से12 महीने में तैयार हो जाती है. शरदकालीन गन्ने, बसंत में बोये गये गन्ने से 25-30 प्रतिशत व ग्रीष्मकालीन गन्ने से 30-40 प्रतिशत अधिक पैदावार देता है.
गन्ने के लिए खेत की तैयारी (Field preparation for sugarcane)
गन्ने के खेत के लिए पहली जुताई अप्रैल से 15 मई के बीच गहरी जुताई कर देनी चाहिए। इसके पश्चात 2 से 3 बार देशी हल या कल्टीवेटर, से जुताई कर तथा रोटावेटर व पाटा चलाकर खेत को भुरभुरा, समतल एवं खरपतवार रहित खर-पतवार निकाल लेना चाहिए एवं रिजर की सहायता से 3 से 4.5 फुट की दूरी में 20-25 से.मी. गहरी कूड़े बनाये.
गन्ने के लिए बीज का चयन और तैयारी (Seed selection and preparation for sugarcane)
गन्ने की फसल उगाने के लिए पूरा तना न बोकर इसके दो से तीन आख वाले टुकड़े काटकर बोयें। गन्ने के ऊपरी भाग में अंकुरण 100 प्रतिशत, बीच में 40 प्रतिशत और निचले भाग में केवल 19 प्रतिशत तक ही होता है. दो आंख वाला टुकड़ा बुवाई के सबसे उचित होता है.
गन्ने के लिए बीज का चुनाव करते समय सावधानियां (Precautions while selecting seeds for sugarcane)
उन्नत जाति के स्वस्थ निरोग शुद्ध बीज का ही चयन करें। गन्ना बीज की उम्र लगभग 8 माह या इससे कम हो जिससे अनुकरण अच्छा हो सके. बीज ऐसे खेत से लें जिसमें रोग व कीट का प्रकोप न हो एवं जिसमें खाद पानी समुचित मात्रा में दिया जाता रहा हो.
जहां तक हो नर्म गर्म हवा उपचारित (54 से.ग्रे. एवं 85 प्रतिशत आद्र्वता पर 4 घंटे) या टिश्यूकल्चर से उपज वाले बीज का प्रयोग करे. हर 4-5 साल बाद बीज बदल दें क्योंकि समय के साथ रोग व कीट ग्रस्तता में बढ़ोतरी हो जाती है और बीज काटने के बाद कम से कम समय में बोनी कर दें.