होली बेरीज एक लोकप्रिय, बहुमुखी सदाबहारी पौधा है. यह एक हरा-भरा झाड़ीनुमा आकार का पौधा होता है. इसकी खेती वसंत के ठंडे मौसम में होती है. इसके फूलों का रंग पीला होता है. इसकी छोटी-छोटी पंखुड़ियाँ होती हैं, जो मधुमक्खियों को आकर्षित करने में मदद करती हैं.
खेती का तरीका
रोपण
होली बेरीज के पौधे का रोपण ठंडे मौसम में करना उचित माना जाता है. रोपण के लिए मिट्टी के गड्ढे को काफी गहरा खोदे. फिर पौधे को अच्छी तरह से लगाकर मिट्टी डाल दें. गड्ढा भरने के बाद मिट्टी में पानी डालकर हल्का सा भिगो दें. यदि आपके यहां का मौसम शुष्क रहता है तो पौधों में कभी-कभी पानी डालते रहें.
धूप
होली बेरीज के पौधों को अच्छी धूप की जरुरत होती है. दिन में कम से कम पांच घंटे की सीधी धूप इसके विकास के लिए उपयुक्त मानी जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां काफी घनी हो जाती हैं.
मिट्टी
होली बेरीज के पौधों के लिए रेत या दोमट की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. इस प्रकार की मिट्टी जल के निकासी के लिए उत्कृष्ट होती है. पौधो के अच्छे विकास के लिए मिट्टी में खाद मिला दें. लोहा और सल्फर युक्त रासायनिक खाद की भी छिड़काव करें यह पौधे की पत्तियों की हरियाली को बढ़ाते हैं.
कीटों से रोकथाम
होली बेरीज के पौधों मे खस्ता फफूंदी, लीफ स्पॉट, लीफ रोट और टार स्पॉट जैसे रोगों की लगने की संभावना रहती है. इनको खत्म करने के लिए पर्मेथ्रिन कीटनाशक की उचित मात्रा में समय-समय पर पौधो पर छिड़काव करते रहना चाहिए.
प्रजातियाँ
यह मुख्यत: 3 प्रकार का होता है. इसकी कुछ प्रजातियां झाड़ी के रूप में विकसित होती हैं, जबकि अन्य वृक्ष के रूप में विकसित होती हैं. बरफोर्ड, बेरी जुबीली और कैरीसा इसकी तीन खास प्रजातियां हैं. बरफोरेड प्रजाति 20 फीट तक लंबी होती है, इसका विकास काफी तेजी से होता है.बेरी जुबीली भी पतझड़ और सर्दियों में कई चमकीले-लाल जामुन प्रदान करती है.
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छंटाई
इनकी छंटाई समय-समय पर करते रहना चाहिए, नहीं तो ये बहुत ही घने होने लगते हैं और पूरे बगीचे पर कब्जा कर सकते हैं. गर्मियों के दौरान पौधे की शाखाओं की समान रूप से कटाई कर देनी चाहिए और इसके साथ ही पेड़ की मृत और सुखी शाखाओं को भी काट देना चाहिए.