कृषि से संबंधित हर क्षेत्र की जानकारी हम आपको देते ही रहते हैं. आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताएंगे, जिसका उपयोग सब्जी और सलाद में बहुत होता है. इस सब्जी को ब्रोकली कहते हैं.
ब्रोकली गोभी की तरह ही देखती है. इसका स्वाद नमकीन होता है इसलिए इसे लोग अधिकतर उबाल कर ही खाते हैं या सलाद के रुप में इसका उपयोग कर लेते हैं. भारत में ब्रोकली का उत्पादन बहुत कम मात्रा में किया जाता है.
आइए जानते हैं ब्रोकली के उत्पादन और इसके फायदों के बारे में -
उत्पादन प्रक्रिया
ब्रोकली की उत्पादन प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए कम से कम 1 से 2 फिट अंदर की मिट्टी चाहिए. ब्रोकली की खेती करने के लिए बीज या पौधे दोनों उपलब्ध हो जाते हैं. आप अपनी किसी भी नज़दीकी नर्सरी से इसके बीज या पौधे ले सकते हैं. बीज डालने के बाद पौध तैयार होता है फिर इस पौध को दूसरे गमले और स्थान पर जमा सकते हैं. पौध को शिफ्ट करते समय थोड़ा सा पानी डालें और उसके बाद दो दिन का अंतर रखें. फिर दो दिन के बाद पानी डालें. उसके बाद आप प्रतिदिन सुबह और शाम पौधे की देखरेख करें अर्थात यह देखते रहें कि उसमें पर्याप्त पानी है या नहीं.
जब इसका पौधा बड़ा होने लगता है तो यह बिलकुल गोभी की तरह दिखता है परंतु यह पूरी तरह हरे रंग का होता है और इसका दाम भी गोभी के मुकाबले अधिक होता है. ब्रोकली में फल आने की समय सीमा 40 से 50 दिन की होती है. यदि 40 से 50 दिन के भीतर फल नहीं आते तो परेशान होने की ज़रुरत नहीं है. ब्रोकली में फल देरी से ही आते हैं.
फायदे
शुगर नियंत्रण - ब्रोकली शुगर के रोगियों के लिए जीवन रेखा के समान है. ब्रोकली के सेवन से न सिर्फ शुगर नियंत्रित होता है बल्कि शुगर में फायदा भी होता है. शुगर रोगियों के लिए ब्रोकली एक पौष्टिक और संतुलित आहार है.
लो-ब्लडप्रेशर और हाई ब्लडप्रेशर में लाभदायक
ब्रोकली शुगर नियंत्रण के साथ-साथ हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए भी एक रामबाण औषधि की तरह ही है. जो लोग लो-ब्लडप्रेशर या हाई-ब्लडप्रेशर से पीड़ित हैं, वह ब्रोकली का सेवन करके ब्लडप्रेशर से निजात पा सकते हैं.
कैंसर निवारक
हाल ही में हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन की शोध में यह साबित हो गया है कि ब्रोकली, कैंसर रोगियों के लिए चमत्कारी दवा की तरह काम करती है. कैंसर रोगी न सिर्फ इसका सब्जी में प्रयोग कर सकते हैं अपितु वह इसे सलाद के रुप में भी ले सकते हैं.ब्रोकली की खेती फिलहाल भारत में उतने बड़े स्तर पर नहीं होती और यही कारण है ब्रोकली भारत में मंहगी बिकती है.
गिरीश पांडे, कृषि जागरण