Tobacco Farming: तंबाकू का नाम तो आपने रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार सुना होगा. तम्बाकू का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है. तंबाकू को सुखाकर इसका इस्तेमाल धुंआ और धुंए से बनने वाली चीजों में किया जाता है. तंबाकू से सिगरेट, बीडी, सिगार, पान मसालों, जर्दा और खैनी जैसी और भी बहुत सारी चीजें बनाई जाती है. भारत में लगभग सभी राज्य तंबाकू उगाया जाता है, लेकिन आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इसकी खेती केलिहाज से महत्वपूर्ण है. भारत कई प्रकार के व्यावसायिक तम्बाकू का उत्पादन करता है. तंबाकू कम मेहनत वाली नगदी फसल है. जिससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. ऐसे में अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते हैं, तो खबर आप ही के लिए है. इस खबर में हमा आपको तंबाकू की खेती से जुड़ी हर जानकारी देंगे. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
कहां होता है तंबाकू का इस्तेमाल?
• कृषि में तंबाकू का उपयोग जैविक कीटनाशक बनाने में किया जाता है. इसके अलावा पशुओं की खली में और खेतो में खाद में रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
• तंबाकू का इस्तेमाल कई तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है. इसमें निकोटिन होने के कारन इसका उपयोग एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी फंगल दवाएं बनाने में किया जाता है.
• उद्योगों में तम्बाकू के तेल का उपयोग वार्निश और रंग के लिए किया जाता है. तंबाकू का तेल निकालने के लिए कृषि आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने ‘ऑटोमेटिक तेल मिल’ पहली भारतीय मशीन बनाई है.
कहां होता है तंबाकू का इस्तेमाल?
• कृषि में तंबाकू का उपयोग जैविक कीटनाशक बनाने में किया जाता है. इसके अलावा पशुओं की खली में और खेतो में खाद में रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
• तम्बाकू का इस्तेमाल कई तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है. इसमें निकोटिन होने के कारन इसका उपयोग एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी फंगल दवाएं बनाने में किया जाता है.
• उद्योगों में तंबाकू के तेल का उपयोग वार्निश और रंग के लिए किया जाता है. तंबाकू का तेल निकालने के लिए कृषि आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने ‘ऑटोमेटिक तेल मिल’ पहली भारतीय मशीन बनाई है.
तंबाकू की प्रजातियां (Tobacco species)
भारत में तंबाकू की दो प्रजातियां उगाई जाती हैं-
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निकोटिआना टेबेकम (Nicotiana Tebecum)
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निकोटिआना रस्टिका (विलायती तम्बाकू) (Nicotiana rustica)
निकोटिआना टेबेकम की खेती भारत में निकोटिआना रस्टिका से अधिक की जाती है. टेबेकम देश के लगभग सभी भागों में उगाई जाती है. जबकि रस्टिका की खेती देश के उत्तरी पूर्वी भारत (पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार पश्चिमी बंगाल तथा असोम) में की जाती है. निकोटिआना टेबेकम की खेती सिगरेट, सिगार, चुरुट, बीड़ी, चबाने वाले व स्नफ तम्बाकू के लिए की जाती है. निकोटिआना रस्टिका की खेती हुक्का, चबाने और स्नफ उद्देश्य के लिए की जाती है. निकोटिआना टेबेकम की पत्तियों में 5 से 5.25 प्रतिशत तक निकोटिन पाया जाता है. जबकि, निकोटिआना रस्टिका की पत्तियों में 3.8 से 8 प्रतिशत तक निकोटिन पाया जाता है.
कैसे करें तंबाकू की खेती? (How to do tobacco farming)
तंबाकू की रोपाई का उचित समय 20 सितंबर से 10 अक्टूबर माना गया है. तंबाकू के बीजों की बुवाई नर्सरी में की जाती हैं. नर्सरी में पौधे तैयार होने के बाद उन्हें खेत में रोपा जाता है. नर्सरी तैयार करने का समय 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक उचित समय होता है.
कहां से खरीदें तंबाकू के बीज? (Where to buy tobacco seeds)
किसान भाई तम्बाकू (Tobacco) का बीज ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप सरकारी उद्यानिकी विभाग या अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि कॉलेज में संपर्क कर इसकी खेती के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं.
अनुकूल जलवायु
तम्बाकू की खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है, इसकी खेती के लिए अधिकतम 100 सेंटीमीटर बारिश काफी होती है. इसके पौधे को अंकुरण के लिए 15 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत होती है, और विकास करने के लिए 20 डिग्री के आसपास तापमान की आवश्यकता होती है. तम्बाकू की खेती के लिए लाल दोमट और हलकी भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसका पी.एच. मान 6 से 8 तक उपयुक्त होता हैं. बुवाई से पूर्व खेत की 2-3 बार जुताई करना चाहिए, अंतिम जुताई के समय पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरा कर देना चाहिए। और खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए.
सिंचाई
तम्बाकू के पौधों की पहली सिंचाई पौधरोपण के तुरंत बाद कर देनी चाहिए. पहली सिंचाई के बाद इसके पौधों की हर 15 दिन पर हल्की सिंचाई करते रहें. इससे जमीन में नमी बनी रहती है और पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है.
कटाई-छटाई
तंबाकू के पौधे की देखभाल करना बहुत आवश्यक होता है. तम्बाकू अधिक मात्रा में प्राप्त करने के लिए पौधों पर बनने वाले डोडों (फूल की कलियां) और साइड शाखाओं को तोड़ देना चाहिए. लेकिन ध्यान रहे इसकी खेती बीज बनाने के लिए की जाए तो डोडों को नहीं तोड़ना चाहिए. तंबाकू की फसल 120 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिसके बाद जब इसके नीचे के पत्ते सूखने लगे और कठोर हो जाएं तब इनकी कटाई कर लेनी चाहिए. इसके पौधों की कटाई जड़ के पास से करनी चाहिए.