Passion Fruit Farming: भारत में विभिन्न प्रकार के फल की खेती की जाती है. फलों की खेती में अच्छे मुनाफे को देखते हुए पिछले कुछ सालों में इसकी ओर किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है. देश में किसान अब नए-नए फलों की खेती कर रहे हैं और उससे मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. अनेकों औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण फल का इस्तेमाल विभिन्न तरीकों से किया जाता है. वहीं, कम उत्पादन और बढ़ती मांग के कारण कई कंपनियां किसानों के सहयोग से बड़े स्तर पर फलों की खेती कर रही हैं. ऐसा ही एक फल है, पैशन फ्रूट. जिसे भारत में कृष्ण फल के नाम से पहचाना जाता है.
भारत में बड़े स्तर पर होती है खेती
मुख्य तौर पर कृष्णा फल भारत और ब्राजील में ज्यादा पाया जाता है. यहां इनकी खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है. भारत में इनकी खेती कूर्ग, नीलगिरी, मालाबार, पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में की जाती है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो मौजूदा वक्त में मणिपुर में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन हो रहा है. पूर्वोत्तर के राज्यों में इस फल को काफी पसंद भी किया जाता है. यही वजह है की फल के अलावा भी इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. इस फल के पत्तों की सब्जी भी बड़े चाव से खाई जाती है.
कई पोषक तत्वों से भरपूर है ये फ्रूट
पैशन फ्रूट की दुनिया भर में बड़े स्तर पर खाया जाता है. इसकी 500 से अधिक किस्मे हैं. पैशन फ्रूट पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिनों से भरपूर होता है. यह पोटेशियम, तांबा, फाइबर और कई अन्य विटामिनों के साथ आवश्यक मात्रा में होता है. इसका स्वाद खट्टा होता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. इसी कारण भारतीय बाजार में इसकी मांग तेसी से बढ़ी है. ये फ्रूट पाचन शक्ति को बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सूजन को कम करने और उम्र को नियंत्रित करने में भी सहायता करता है.
कम पानी में भी अच्छी पैदावार
पैशन फ्रूट पहाड़ों में अच्छी तरह से उगता है. इसकी फसल को ज्यातदा पानी की जरूरत नहीं होती. जिस वजह से यह कम बारिश वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगती है. 15 से 30 डिग्री तक के तापमान में पैशन फ्रूट की पैदावार सबसे अच्छी होती है. इसकी खेती के लिए रेतीली मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है. इसकी बुआई के लिए मानसून का शुरुआती समय सबसे उपयुक्त माना जाता है. जुलाई में इसकी बुआई के बाद अक्टूबर महीने के आस-पास इसके पेड़ में फूल निकलनें लगते हैं, जो नवंबर-दिसंबर तक फल देना शुरू कर देते हैं.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कृष्णा फल एक बीघे में लगभग 240 पौधे लगते हैं. इन पौधों को एक कतार में लगाया जाता है. एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 12 फीट और पौधों के बीच की दूरी 8 फीट रखी जाती है. यदि हम इसके पौधे की बात करे तो मार्केट में पैशन फ्रूट के 1 पौधे की कीमत लगभग 80 रुपये से लेकर 150 रुपये तक होती है. 1 बीघे में इस फल का उत्पादन लगभग 25 क्विंटल के आसपास होता है. आमतौर पर पैशन फ्रूट 150 से 180 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. इस हिसाब से अगर एक एकड़ में पैशन फ्रूट की खेती की जाती है तो इससे किसान लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.