गुलाबी आलू देखने में काफी सुंदर लगते हैं और इसका स्वाद भी सामान्य आलू की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. इस आलू को शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसके अलावा, इस प्रजाति को बहुत लंबी अवधि के लिए ठीक से संरक्षित किया जा सकता है. गुलाबी आलू बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसकी मांग बढ़ने के साथ किसानों का मुनाफा भी बढ़ना शुरू हो गया है.
मिट्टी
तराई और पहाड़ी क्षेत्र दोनों इसकी व्यापक खेती के लिए उपयुक्त हैं. इस फसल को तैयार करने में 80 से 100 दिन का समय लगता है. यह गुलाबी आलू दिखने में काफी सुंदर और चमकीला हैं. लोग इसके रंग और रूप के कारण इसकी ओर आकर्षित होते हैं.
बिक्री
बाजार में गुलाबी आलू का रेट सामान्य के मुकाबले काफी ज्यादा होता है. प्रति हेक्टेयर के खेत में इसका 400 क्विंटल से भी ज्याद उत्पादन होता है. गुलाबी आलू को कई महीनों तक आसानी से स्टोर करके रखा जा सकता है. गर्मी के मौसम में आलू में सड़ने की समस्या अधिक होती है, लेकिन इस गुलाबी आलू में ऐसी कोई समस्या नहीं होती है, जिस कारण इसे कई महीनों तक सुरक्षित भंडारण किया जा सकता है. इसकी एक बार की खेती से किसान आराम से एक से दो लाख रुपये आराम से कमा सकता है.
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विशेषता
कृषि विशेषज्ञों का दावा है कि नियमित आलू की तुलना में गुलाबी आलू में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. इस कारण अगेती झुलसा, पछेती झुलसा, आलू पत्ता लपेट आदि रोग नहीं लगते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक चमकीला गुलाबी रंग न केवल अत्यधिक पौष्टिक है बल्कि सुंदर भी है. इसे कई महीनों तक आसानी से स्टोर किया जा सकता है.