आज के समय में फूलों और सजावटी पौधों का उपयोग शादी, घरों एवं दफ्तरों की सजावट, लोगों को उपहार स्वरूप देने के लिए किया जाता है. इन फूलों को घर के बगीचे में भी उगाया जा सकता है और अच्छी कमाई की जा सकती है. बारहमासी फूल को लगाने का फायदा यह है कि यह हर सही समय पर फूल देते हैं और इनके देखभाल की ज्यादा जरुरत भी नहीं होती है.
मिट्टी
घर में फूलों का बगीचा शुरू करने के लिए गार्डन की मिट्टी में खाद, रेत और खनिज को उचित संतुलित मात्रा में मिला दें. मिट्टी की ऊपरी परत को खूब अच्छी तरह से पोषक तत्व मिलाकर उपजाऊ बना लें. ये ध्यान रखें कि पौधों को ज्यादा पानी देने से मिट्टी के कणों के बीच मौजूद ऑक्सिजन इनकी जड़ों तक नहीं पहुंच पाती, इसलिए जब गमले की मिट्टी थोड़ी सूखी लगे तभी उसमें पानी डालें.
धूप
किसी भी फूल को खिलने के लिए उचित प्रकाश की जरूरत होती है. पौधों के लिए धूप जरूरी होती है, लेकिन मध्य दोपहर की कड़ी धूप से इनको बचाएं. इसके लिए आप गार्डेन को चारो ओर से नेट से घेर दें.
गुड़ाई
मिट्टी की नियमित गुड़ाई से इसमें हवा और पानी अच्छी तरह मिलते रहते हैं जो मिट्टी की उर्वकता को बढ़ाते हैं. कम से कम महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई जरूर करें. इससे मिट्टी में नमी बरकरार रहेगी और यह फूलों को खिलने में मदद करेगा.
बारहमासी पौधे
जरबेरा, प्लमेरिया, लैंटाना, बोगनविलिया, पेरिविंकल, ड्वार्फ इक्सोरा, टेकोमा ड्वार्फ, कैलियांड्रा, वॉटर लिली, पेंटास और बेबी एडेनियम कुछ ऐसे पौधे हैं जो पूरे साल खिलते हैं.
फूलों की देखभाल
फूलों को एक साथ बहुत पास न लगाएं, क्योंकि इससे हवा का संचार खराब हो सकता है और इसमें कवक भी लग सकते हैं और फूलों की क्यारियों को समय-समय पर मल्चिंग करते रहें, ताकि मिट्टी में उचित नमी बनी रहे. याद रहें, जब आप नर्सरी से पौधा खरीदते हैं, तो उसे तुरंत मिट्टी में ना लगाएं, पौधे को कम से कम एक सप्ताह के लिए नए वातावरण में बसने दें और शाम के समय ही रोपाई करें, जिससे पौधे पर तेज धूप ना लगे.
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बाजार
फूलों को रंग और आकार के आधार पर अच्छे से वर्गीकृत कर लें. इनको बांस की टोकरियों और प्लास्टिक के बैग में रखकर बाजार में भेज सकते हैं. फूलों का ताजापन बरकरार रखने के लिए इन्हें गीले कपड़े से ढक दें, ताकि इनकी गुणवत्ता पर असर ना पड़े.