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Updated on: 21 March, 2023 8:00 PM IST
गरमा मूंग की खेती के तरीके

दलहनी फसलों में मूंग को सबसे विशिष्ट माना जाता है. मूंग की फसल को खरीफ, रबी एवं जायद तीनों मौसम में उगाया जा सकता है. इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाए जाता है, जो हमारे शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है. मूंग की फसल से फलियों की तुड़ाई के बाद खेत में मिट्टी पलटने वाले हल से फसल को पलटकर मिट्टी में दबा देने से यह हरी खाद का काम करती है. मूंग की खेती से खेत की मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ती है.

खेती के तरीके

मिट्टी की तैयारी

मूंग की खेती के लिए दोमट एवं बलुई दोमट भूमि अच्छी मानी जाती है. भूमि में उचित जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चहिये. पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल या डिस्क हैरो चलाकर करनी चाहिए तथा फिर एक क्रॉस जुताई हैरो से एवं एक जुताई कल्टीवेटर से कर पाटा लगाकर भूमि समतल कर देना चाहिए.

बुवाई

मूंग की बुवाई 15 जुलाई तक कर देनी होती है. अगर बरसात में देरी हो तो शीघ्र पकने वाली किस्म की बुवाई 30 जुलाई तक की जा सकती है. इसके बीजों की बुवाई कतारों में करनी चाहिए तथा कतारों के बीच की दूरी को 45 से.मी. तथा पौधों से पौधों की दूरी 10 से.मी. उचित होती है.A

खाद

दलहन फसल होने के कारण मूंग को कम नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है. मूंग की प्रति हेक्टेयर खेती में 20 किलो नाइट्रोजन तथा 40 किलो फास्फोरस की आवश्कता होती है. मूंग की खेती हेतु खेत में दो तीन वर्षों में कम एक बार 5 से 10 टन गोबर या कम्पोस्ट खाद देनी चाहिए. इसके अतिरिक्त 600 ग्राम राइज़ोबियम कल्चर को एक लीटर पानी में 250 ग्राम गुड़ के साथ गर्म कर ठंडा होने पर बीज को उपचारित कर छाया में सुखा लेना चाहिए तथा बुवाई कर देनी चाहिए.

खरपतवार नियंत्रण

फसल की बुवाई के एक या दो दिन के बाद पेन्डीमेथलिन की बाजार में उपलब्ध 3.30 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करना चाहिए. फसल जब 25-30 दिनों की हो जाये तो खेत की गुड़ाई कर देनी चहिए.

रोग नियंत्रण

मूंग की फसल में दीमक लगने से इनकी जड़ो को नुकसान पहुंचता है. बुवाई से पहले खेतों में क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत या क्लोरोपैरिफॉस पॉउडर की 20-25 किलो ग्राम मात्रा प्रति हेक्टयर की दर से मिट्टी में मिला देना चाहिए. बीज बोने के समय इसको क्लोरोपैरिफॉस कीटनाशक की 2 मि.ली. मात्रा को प्रति किलो ग्राम बीज दर से उपचरित करके बोना चाहिए.

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उपज और कमाई

मूंग की 7 से 8 कुंतल की पैदावार प्रति हेक्टयर हो जाती है. यह वर्षा पर भी आधारित करती है. एक हेक्टयर क्षेत्र में मूंग की खेती करने के लिए 18 से 20 हज़ार रुपए का खर्च आता है. बाजार में मूंग का भाव 40 रु प्रति किलो होने पर 12000 से 14000 रूपये प्रति कुंतल का लाभ आराम से प्राप्त किया जा सकता है.

English Summary: How to Cultivate Hot Moong and earn lakh rupees
Published on: 21 March 2023, 12:14 PM IST

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