जैसा कि आप जानते है कि खेती का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व क्योंकि खेती पर ही हमारा जीवन निर्भर करता है. खेती से अच्छी पैदावार लेने के मिटटी का पोषित होना आवश्यक है. मिटटी को पोषित करने के लिए हमें उसका स्वास्थ्य जाना बहुत जरुरी है. क्योंकि जिस तरह से हम खेत में लगातार उर्वरकों और रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे मिटटी कि उर्वरा काम होती जा रही है. अंधाधुंध उर्वरकों के इस्तेमाल के बजाये यदि हम सही तरीके से इनका इस्तेमाल करें तो हमें अच्छी पैदावार भी मिलेगी और मिटटी भी स्वस्थ रहेगी. इसके लिए मिटटी कि जांच कराना हमारे लिए बहुत मायने रखता है. यदि हम समय पर मिटटी कि जांच नहीं कराते हैं तो वही वाली बात हो जाएगी, जिस तरीके से एक मरीज बिना जांच और डॉक्टर के परामर्श दवा खाता है तो अंत में उसको अपने शरीर को नुकसान उठाना पड़ता है.इसलिए खेती में यदि किसान को अच्छी पैदावार चाहिए तो इसके लिए मिटटी कि जांच कराना बहुत ही आवश्यक है. अब तो सरकार ने भी मिटटी कि जांच करने के लिए योजना लागू कर रखी है. इस योजना के तहत किसान अपने खेत कि जांच मात्र 20 से 30 रूपये देकर करा सकता है. क्योंकि प्रदूषण के कारण लगातार खराब होती मिटटी को सुधारना बहुत ही आवश्यक है, हालांकि यह सब इतना आसान नहीं है. लेकिन सही तरीके से कोशिश कि जाए तो सबकुछ संभव है. किसान अपनी फसल पैदावार बढ़ा सकें और खेत कि मिटटी को स्वस्थ रख सके इसके लिए किस तरीके से कब और कैसे मृदा कि जांच कि जाती है इसके विषय में आपको पूरी जानकारी दी जा रही है.
मिटटी की जांच क्यों आवश्यक है
आप अच्छे से जानते हैं कि एक लम्बे समय से अपनी भूमि में आप खेती करते आ रहे हैं, उसी मिटटी में हम अधिक उपज लेने के चक्कर में अंधाधुंध उर्वरको और कृषि रसायनो का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके कारण हमारे शरीर में भी सैकड़ों परेशानिया हो रही है, सोचने वाली बात यह है यदि हमारे शरीर में बीमारियां और परेशानी हो रही है तो इसी प्रकार मिटटी को भी परेशानी होती है. इसलिए मृदा प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है, जो कि आने वाले समय में मानव जीवन के लिए किसी शाप से काम नहीं है. इसलिए मिट्टी में सुधार कि इस समय आवश्यकता है. इसके लिए मिटटी कि जांच करना आवश्यक है. मिटटी कि जांच कराने के बाद ही फसल कि बुवाई करें. मिटटी कि जांच से यह पता लग जाता है कि मिटटी को कितनी मात्रा में किस उर्वरक कि आवश्यकता है. मिटटी कि उर्वरा शक्ति कितनी है. सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में उत्पन्न विकारों की जानकारी.मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की उपलब्धता की दशा का बोधक.बोयी जाने वाली फसल का आवश्यक अनुमान लगाने के लिए .फसल के अच्छे उत्पादों के लिए .संतुलित उर्वरक प्रबन्ध द्वारा अधिक लाभ.
ऐसे ले मिटटी के सैंपल
एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गहरे गढ्ढे बनायें.
एक खेत के सभी मिटटी को इकट्ठा कर के 1 / 2 kg का नमूना बनाये .
नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें.
मिट्टी को कपडे में रख दे तथा उसमे नाम इत्यादि दे दे की किस खेत की मिट्टी है तथा फसल का पूरा ब्यौरा दे.
कब कराये मिटटी परिक्षण :
मिटटी कि जांच कराने का एक समय होता है. इसलिए सबसे पहले यदि फसल कटने के बाद आपका खेत खाली हो गया है तो उस समय मिटटी कि जांच कराना आवश्यक है इसके अलावा मिटटी की जांच प्रत्येक 3 वर्ष में एक बार अवश्य कर लेनी चाहिए.मिटटी की जांच जब मिट्टी में नमी की मात्रा बहुत कम हो तब करनी चाहिए. फसल शुरू होने से पहले मिटटी की जांच करनी चाहिए. उर्वरकों के इस्तेमाल से पहले मिटटी कि जांच करा लेना चाहिए.
कहा कराये मिटटी परिक्षण :
मिटटी का परिक्षण कराना काफी आसान हो गया है. पिछली योजना में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने चलती-फिरती मिटटी जाँच लैब कि शुरुआत की. इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र पर भी मिटटी कि जांच की जाती है. अन्यथा आप किसी निजी लैब पर भी मिटटी की जांच करा सकते हैं
यदि आपके पास अपनी निजी मिटटी की जांच करने वाली किट है तो उससे भी आसानी जांच की सकती है.इसके अलावा गन्न्ना मिलें भी किसानों को मिटटी जांच की सुविधा उपलब्ध करा रही है.
कितने पैसे लगेंगे मिटटी जांच में :
यदि आप मिटटी की जांच किसी सरकारी लैब पर करते है तो इसके लिए मामूली शुल्क 30 से 50 रूपये देना होता है. इसके अलावा आप निजी लैब में मिटटी की जांच करातें हैं तो इसके लिए लगभग 150 रूपये से लेकर 500 रूपये तक चार्ज करते हैं.
मिटटी जांच किट की कीमत कितनी है :
यदि मिटटी जांच किट की हम बात करें तो इसकी कीमत बाजार में 87000 रूपये है. मिटटी जांच किट बनाने वाली कंपनी डब्ल्यू.एस. टेलीमैटिक्स के मालिक वजीर सिंह दहिया बताते हैं कि इस किट के माध्यम से कोई भी ग्रामीण युवा अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं.