RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 28 October, 2025 9:55 AM IST
गेहूं की उन्नत किस्म ‘पूसा कीर्ति’ ( Image source - Freepik)

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित एच आई 8830 पूसा कीर्ति गेहूं की एक उन्नत किस्म है. इस किस्म में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। इस किस्म की मांग मंडियों में बहुत होती है और यही वजह है कि यह किस्म किसानों की पहली पसंद है। अगर किसान इस किस्म की बुवाई करते हैं तो वह 1 हेक्टेयर में 65 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.

खेती का उचित समय

पूसा कीर्ति गेहूं की बुवाई का सबसे अनुकूल समय अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के पहले 10 दिन माना जाता है. इन महीनों में बुवाई करने से बीज का अंकुरण बेहतर होता है.

खेती की तैयारी कैसे करें?

अगर किसान इस किस्म की खेती की बुवाई करते हैं, तो ध्यान रखें कि खेत की जुताई में कोई कमी न छोड़ी जाए. मिट्टी को भुरभुरी और समतल बनाना जरूरी है. साथ ही गोबर की सड़ी हुई खाद या जैविक खाद डालें, जिससे पैदावार अधिक होगी और पौधे जल्दी और स्वस्थ बढ़ेंगे. अगर खेती कर रहे हैं तो प्रति हेक्टेयर केवल 100 किलोग्राम बीज का ही इस्तेमाल करें.

किन राज्यों में देंगी अधिक उत्पादन

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कोटा और राजस्थान के उदयपुर डिवीजन, और उत्तर प्रदेश के झांसी डिवीजन के किसान अगर इस किस्म की खेती करते हैं, तो कम लागत में अच्छी उपज कर सकते हैं। खासियत यह है कि यह किस्म दो सिंचाई में ही अच्छा उत्पादन दे सकती है।

किसानों को कितना होगा मुनाफा?

अगर किसान इस किस्म का चुनाव करते हैं तो वह इससे 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज पा सकते हैं। साथ ही, इस किस्म को तैयार होने में सिर्फ 118 दिनों का समय लगता है और बाजार में इसकी अधिक मांग रहती है। निर्यातक कंपनियां भी इस गेहूं को बड़े पैमाने पर खरीदती हैं। इसलिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 1.2 से 1.5 लाख रुपये तक का शुद्ध लाभ आसानी से मिल जाता है।

English Summary: high yield wheat variety Pusa Kirti wheat variety will give farmers up to 65 quintals per acre
Published on: 27 October 2025, 11:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now