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Updated on: 6 October, 2023 12:29 PM IST
DBW-327 wheat

Wheat variety: गेहूं की उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसी क्रम में भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म डीबीडब्ल्यू- 327 (DBW- 327) विकसित की है, जिससे 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार मिल सकती है. इस किस्म की खास बात यह है कि गेहूं की फसल पर मौसम का विशेष नहीं पड़ेगा. इसके उत्पादन पर भी विशेष फर्क नहीं पड़ेगा. यह किस्म रोग प्रतिरोधी है. साथ ही ये 155 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. वहीं अगर पैदावार की बात करें तो इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 80 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है. जो गेहूं की अन्य कई किस्मों से ज्यादा है.

गेहूं की अगेती किस्म DBW 327 करण शिवानी की विशेषताएं

गेहूं की नई किस्म डीबीडब्ल्यू 327 (DBW 327) एक प्रतिरोधी किस्म है. DBW 327 किस्म की खेती उन इलाकों में भी हो सकती है जिन इलाकों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं है. गेहूं की यह खास किस्म सूखे के प्रति सहनशील है. उच्च तापमान में भी इससे अच्छी उपज मिलती है. गेहूं की इस खास किस्म में बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल जाती है. इसके अलावा, DBW 327 गेहूं बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है.  वहीं, इस किस्म की उत्पादन क्षमता लगभग 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

DBW 327 करण शिवानी गेहूं की खेती


DBW 327 करण शिवानी, गेहूं की अगेती किस्म है. गेहूं की इस खास किस्म को उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों के लिए विकसित किया गया है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर को डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में आसानी से इसकी खेती की जा सकती है.

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इन राज्यों के किसानों को होगा फायदा

डीबीडब्ल्यू 327 गेहूं की इस किस्म का सबसे अधिक फायदा हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों को मिलेगा, क्योंकि यहां की जलवायु परिस्थितियां इस किस्म के लिए अनुकूल है. ये बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध कराएं जाएंगे. जिसका फायदा किसानों को काफी होगा.

English Summary: high yield wheat variety dbw 327 karan-shivani production 80 quintals hectare improved wheat variety
Published on: 06 October 2023, 12:37 PM IST

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