भारत में पारंपरिक फसलों के साथ- साथ बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किसानों को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य किसानों की आमदनी दोगुना करना और किसानों को समृद्ध बनाना है. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख 40 हजार तक की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. किसानों को योजना का लाभ सही तरीके से मिले सके इसके लिए रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है.
खजूर की खेती को सब्सिडी देने का कारण
खेती- किसानी के क्षेत्र में हरियाणा एक समृद्ध राज्य है. यहां किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों में भी कई प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं. हरियाणा में खजूर की खेती को बढ़ावा देने के पीछे का कारण यहां की मिट्टी और जलवायु है. दक्षिणी हरियाणा की मिट्टी और जलवायु को खजूर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. दरअसल यहां की मिट्टी रेतीली है जिसमें खजूर के पौधों का विकास बड़ी ही आसानी से होता है ओर पेड़ पर जल्दी फल लगने लगते हैं.
ये भी पढ़ें: जैविक खेती हो रही है देश के इस जिले में पॉपुलर, 2500 से ज्यादा किसानों ने दिया सरकार का साथ, जानें पूरी खबर
कैसे प्राप्त करें सब्सिडी
-
किसानों को खजूर की खेती करने पर सरकार अधिकतम 1 लाख 40 हजार तक की सब्सिडी दे रही है. लेकिन सिर्फ 10 एकड़ तक की जमीन पर ही सब्सिडी मिलेगी.
-
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट fasal.haryana.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा.
-
इसके अलावा किसान इस योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए हरियाणा बागवानी विभाग के नजदीकी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
खजूर की खेती पर एक नजर
खजूर को सूखे मावे और कई अन्य प्रकार की चीजें बनाने में उपयोग किया जाता है. इसकी खेती रेतीली मिट्टी और बंजर जमीन में ज्यादा अच्छे तरीके से होती है. कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए खजूर की खेती किसी वरदान से कम नहीं है. एक बार रोपाई करने के बाद इसका पौधा 5 साल के अंदर फल देने लगता है. इसके उत्पादन को अगर देखा जाए तो 70 से 100 कि. ग्राम तक इसका उत्पादन हो जाता है. सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों के लिए यह अच्छी आमदनी का जरिया है.