धान की इस किस्म से किसानों को मिल रहा जबरदस्त फायदा, 110 दिनों में होती है तैयार, प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता 32 क्विंटल तक! बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद, किसान गौरव पंवार की मदद को आगे आए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, मिलेगा मुआवजा Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 1 September, 2023 10:58 AM IST
Groundnut Cultivation

Groundnut : मूंगफली का उत्पादन गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में किया जाता है. इन राज्यों में सूखे की वजह से मूंगफली के उत्पादन में किसानों के सामने काफी चुनौतियां आती है. यहां पर कम बारिश होने की वजह से मूंगफली का उत्पादन कम होता है और किसानों की आमदनी भी कम होती है. ऐसे में आज हम मूगंफली की किस्म डी.एच. 330 के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है.

खेती का तरीका

बुआई

इस मूंगफली की बुआई जुलाई के माह में की जाती है. यह बुआई के 30 से 40 दिन बाद अंकुरित होने लगती है. इसमें फूल बनने के बाद फलियां आने लगती हैं. अगर आपके इलाके में कम बारिश और सूखे की संभावना रहती है तो इसकी उत्पादकता में कमी नहीं होगी.  इसके लिए 180 से 200 एमएम की बारिश पर्याप्त होती है.

मिट्टी की तैयारी

मिट्टी की तैयारी करने के लिए खेत की जुताई के बाद एक बार इसमें सिंचाई कर दें. बुआई के बाद जब पौधों में फलियां आने लगे तो पौधों की जड़ों के चारों ओर मिट्टी को चढ़ा दें. इससे फली का उत्पादन अच्छी तरह से होता है.

पैदावार

किसान मूंगफली की पैदावार बढ़ाने के कुछ फसल की बुआई के जैविक खाद का छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा इंडोल एसिटिक को 100 लीटर पानी में मिला कर समय-समय पर फसल पर छिड़काव करते रहें.

ये भी पढ़ें: काली हल्दी से कितनी होगी कमाई, जानें इसके औषधीय गुण

रोगों से बचाव

मूंगफली की फसल में कॉलर रॉट रोग, टिक्का रोग और दीमक लगने की संभावना ज्यादा रहती है. इसके  लिए कार्बेंडाजिम, मैंकोजेब जैसे फफूंदनाशक और मैंगनीज कार्बामेट की 2.5 किलोग्राम मात्रा को 1000 लीटर पानी में घोलकर हर 15 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार छिड़काव करना चाहिए,

मुगंफली की इस किस्म डी.एच. 330 की बुआई के अच्छे उत्पादन के लिए और किसी भी रोग से संबंध के बारे में कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की सलाह जरुर लें.

English Summary: Groundnut : Cultivation of this variety of groundnut
Published on: 01 September 2023, 11:01 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now