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Updated on: 9 April, 2024 6:44 PM IST
पशुओं के हरे चारे के लिए किसान इन फसलों की करें खेती (Image Source: pinterest)

Animal fodder: पशुपालकों को हरे चारे के लिए काफी ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है. क्योंकि फरवरी और मार्च का महीना बीतते ही तापमान में तेजी से वृद्धि हो रहा है. जिससे हरे चारा की उपलब्धता में कमी आ रही है. क्योंकि तापमान में बढ़ोतरी होने की वजह से खेतों में नमी की मात्रा कम होती जा रही है, जिसका सिधा असर हरे चारे पर पड़ रहा है. इसलिए पशुपालकों को समय रहते ही हरे चारे की व्यवस्था शुरू कर देनी चाहिए, जिसे आने वाले समय में पशु को पर्याप्त चारा मिल सके. क्योंकि हरे चारे की कमी का सिधा असर पशुओं के  दुग्ध उत्पादन क्षमता पर असर पड़ता है. जिसे पशुपालकों की कमाई  घटने लगती है.

इसलिए कृषि जागरण के आज के इस आर्टिकल में हम पशुपालकों को हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए कई बार कटाई वाली लोबिया, मक्का, ज्वार  जैसी फसलों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. जिससे पशुपलक चिलचिलाती इस गर्मी में हरे चारे की कमी से छुटकारा पा सकें.

इन फसलों की खेती से नहीं होती हरे चारे की कमी 

आप सभी ने लोबिया, मक्का और ज्वार  का नाम तो सुना ही होगा. मगर क्या आप जानते हैं कि लोबिया, मक्का और ज्वार का चारा पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा लोबिया, मक्का और ज्वार फसल लगाने से किसान हरे चारे की कमी से छुटकारा पा सकते हैं. क्योंकि ये एक तेजी से बढ़ने वाले हरे चारे वाली फसलें है. इसके अलावा इन चारों के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इनकी खेती करने से  खेत की उर्वरक क्षमता को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे किसान अगली फसल में लाभ ले सकते हैं. वहीं इसके सेवन से पशुओं की  दुग्ध उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.

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लोबिया 

लोबिया एक वार्षिक जड़ी-बूटी वाली फलियां है, जिसकी खेती बीजों या चारे के लिए की जाती है. इसकी पत्तियाँ अंडाकार पत्तों वाली त्रिकोणीय होती हैं, जो 6-15 सेमी लंबी और 4-11 सेमी चौड़ी होती हैं.इसके फूल सफेद, पीले, हल्के नीले या बैंगनी रंग के होते हैं. इसकी फली जोड़े में पाई जाती हैं. इसकी प्रति फली में 8 से 20 बीज होते हैं. इसके साथ ही बीज सफेद, गुलाबी, भूरा या काला होते हैं.  

मक्का 

पशुपालक हरे चारे हेतु मक्के की संकर मक्का गंगा-2, गंगा-7, विजय कम्पोजिट जे 1006 अफ्रीकन टॉल, प्रताप चारा-6 आदि जैसी प्रमुख उन्नत प्रजातियों की खेती कर सकते हैं.

ज्वार

पशुपालक गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए ज्वार की बुआई कर सकते हैं. क्योंकि ज्वार का हरा चारा, कड़वी, और साइलेज तीनों ही रूपों में पशुओं के लिए उपयोगी होता है. पशुपालक ज्वार की पूसा चरी 23, पूसा हाइब्रिड चरी-109, पूसा चरी 615, पूसा चरी 6, पूसा चरी 9, पूसा शंकर- 6, एस. एस. जी. 59-3 (मीठी सूडान), एम.पी. चरी, एस.एस. जी.-988-898, एस. एस. जी. 59-3, • जे.सी. 69. सी. एस. एच. 20 एमजी, हरियाणा ज्वार- 513 जैसी  प्रमुख प्रजातियों की खेती चारे के लिए कर सकते हैं.

English Summary: green fodder lobia Maize tide animal fodder farmers
Published on: 09 April 2024, 06:52 PM IST

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