किसानों की मदद के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. ऐसे में CBBO (Cluster- Based Business Organizations) यानी क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन बनाए गए हैं जिनकी भूमिका किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को मजबूत करने की होती है. किसान उन्हें खोजकर मदद लेते हैं. क्योंकि FPO केवल एक कंपनी नहीं बल्कि किसानों के लाभ के लिए एक सामूहिक संस्था है. CBBO का प्रावधान पेशेवर एजेंसी के रूप में किया गया है. बुआई से लेकर बाजार तक किसानों को सक्षम बनाकर उनकी आमदनी बढ़ाना सरकार का मकसद है. आइये जानते हैं CBBO की अहमियत और उसके काम
सीबीबीओ की भूमिका
सीबीबीओ एक पेशेवर एजेंसी के तौर पर काम करती है जिसका काम FPO को बढ़ावा देना है. ऐसे में सरकार की तरफ से कहा गया है कि सीबीबीओ इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि वे इस विषय में विशेषज्ञ हैं, जागरूकता फैला सकते हैं, किसानों को खेती में टेक्नोलॉजी दे सकते हैं, किसान अच्छा- गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करें, इस दृष्टि से मार्गदर्शन कर सकते हैं और किसानों को वाजिब दाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. श्रेष्ठ एफपीओ के गठन के लिए सीबीबीओ को सभी को साथ लेकर काम करना चाहिए.
सीबीबीओ से जुड़ी जरूरी जानकारी
1.FPO की स्कीम में सीबीबीओ अहम कड़ी है ताकि इससे किसानों को लाभ मिले.
2. एक राज्य में, भूगोल के आधार पर, क्लस्टर, फसल पैटर्न, आदि का उत्पादन करते हैं. एक या एक से अधिक सीबीबीओ हो सकते हैं. यहां तक कि एक सीबीबीओ अधिक सेवा दे सकता है. जरूरत के हिसाब से एक से अधिक राज्य में सेवा दे सकते हैं. हालांकि, सीबीबीओ को काम दिया जाना चाहिए, उनके पास उपलब्ध मानव संसाधन, उनके पिछले कारोबार और अनुभव आदि के हिसाब से.
ये भी पढ़ेंः किसान उत्पादक संगठन (FPO) है सशक्तिकरण का अच्छा माध्यम, यहां पढ़िए इससे जुड़ी हर जानकारी
3. सीबीबीओ को पेशेवर अनुभव के साथ काम करना चाहिए. कृषि और संबद्ध क्षेत्र में FPO के गठन का समर्थन करते हैं.
4. सीबीबीओ को विशेषज्ञों की 5 श्रेणियों के साथ समर्थन दिया जाना चाहिए, (i) फसल पालन का डोमेन (ii) कृषि. मार्केटिंग / वैल्यू एडिशन और प्रसंस्करण (iii) सामाजिक लामबंदी (iv) कानून और लेखा (v)आईटी/ एमआईएस में.