अगर आपको खेती करने का शौक है और आपके पास जगह कम है. तो आज हम आपको एक ऐसी फसल की खेती की बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप कम जगह में इसकी फसल उगाकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. तो आइए आज हम अपने इस लेख में अदरक की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. बता दें अदरक की खेती के लिए सरकार भी मदद कर रही है.
अदरक सबसे ज्यादा स्वास्थ्यप्रद मसालों में से एक है. अदरक में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व हमारे शरीर और दिमाग के लिए बहुत लाभकारी होता है. देशभर में अदरक की बहुत मांग है. आइये जानते हैं अदरक की खेती कैसे शुरू करें और इससे कैसे होगा लाभ-
अदरक की खेती की जानकारी (Ginger Farming Information)
भारत में अदरक की खेती का क्षेत्रफल करीब 143 हजार हेक्टेयर है, जिसमें लगभग 765 हजार मैट्रिक टन उत्पादन होता है. भारत में अदरक की खेती मुख्यत: केरल, तमिलनाडू, उड़ीसा, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा उत्तराखंड में मुख्य व्यावसायिक फसल के रूप में की जाती है. भारत में केरल राज्य अदरक उत्पादन में प्रथम स्थान पर है.
अदरक की खेती के लिए जलवायु (Climate For Ginger Cultivation)
अदरक की खेती गर्म और आर्द्रता वाले स्थानों में की जाती है. इसकी अच्छी उपज करीब 1500 से 1800 मिलीमीटर, वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में होती है. इसके अलावा जल निकास का प्रबंधन होना चाहिए. ध्यान रहे कि खेत में पानी ना जमा होने हो.
अदरक की खेती के लिए मिटटी (Soil For Ginger Cultivation)
अदरक की खेती के लिए बालुई दोमट मिट्टी आवश्यक होती है. मिट्टी में जीवांश और कार्बोनिक पदार्थ की अधिक मात्रा उपयुक्त होती है. मिट्टी का पी.एच मान 5.6 – 6.5 के बीच होना चाहिए एवं मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए.
अदरक की फसल के लिए खेत की तैयारी (Field Preparation For Ginger Harvest)
अदरक की खेती के लिए मार्च-अप्रैल माह में खेत की गहरी जुताई कर के उसको कुछ समय के लिए छोड़ दें, ताकि खेत को अच्छे से धूप मिल सके. इसके बाद मई के महीने में रोटावेटर से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें. इसके बाद खेत में मात्रा मं गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट और नीम की खली का सामान रूप से खेत में डालकर खेत की जुताई करें खेत को समतल कर लेना चाहिए. खेत को सिंचाई के लिए एवं बोने की विधि के अनुसार तैयार खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांट लेना चाहिए.
अदरक की बुवाई का समय (Ginger Sowing Time)
अदरक की बुवाई जून माह में की जाती है. अदरक की बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. इसके अलावा बीच कंदों को चार से पांच सेंटीमीटर गहराई में बोने के हल्की मिट्टी या गोबर की खाद से ढक देना चाहिए.
अदरक की खेती से होगा अच्छा मुनाफा (There will Be Good Profit From Ginger Cultivation)
अदरक की खेती से औसतन 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होती है. बता दें अदरक की खेती में एक एकड़ खेत में करीब 1 लाख 20 हजार रूपए का खर्च आता है और एक एकड़ में 120 क्विंटल अदरक का उत्पादन होता है.
सरदार दे रही है अदरक की खेती पर सब्सिडी (Sardar Is Giving Subsidy On Ginger Cultivation)
किसानों को अदरक की खेती पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए सरकार भी अदरक की खेती पर सब्सिडी प्रदान कर रही है. बता दें मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग द्वारा मसाला क्षेत्र विस्तार की योजना पर काम हो रहा है. जहाँ सरकार खेती के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दे रही है. जिसमें सामान्य वर्ग के किसानों को 50 हजार का अनुदान दिया जा रहा है जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत अधिकतम राशि 70,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक दिया जा रहा है.
अदरक के लाभ (Benefits Of Ginger)
अदरक में एंटी- इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो सिर दर्द, सर्दी-जुकाम और अपचन की समस्या से राहत दिलाते हैं. सर्दियों में चाय, कॉफी और सूप पीने से शरीर को आराम मिलता है. अदरक में विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, विटामिन डी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
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