मोदी सरकार(Modi Government) किसानों के हित के लिए कई सारी योजनाएं चला रही है. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि केंद्र सरकार अपनी खुद की जमीन भी किसानों को खेती करने के लिए देती हैं.
अब आप सोच रहे ये भला कैसे ? तो आपके मन में चल रहे सारे सवालों के जवाब हम आपको अपने इस लेख में देने जा रहे हैं.
बंजर और सरकारी जमीनों खेती करने की योजना(plan to cultivate barren and government lands
बात आज से लगभग एक साल पहले यानि साल 2021 की है, जब केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा था कि अब सरकारी जमीनों को किसानों को लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू की जाये.
कानून को लागू करने वाला गुजरात पहला राज्य(Gujarat first state to implement the law)
जिसके बाद जनवरी 2021 में गुजरात (Gujarat) पहला ऐसा राज्य बना जिसने किसानों को अपने बंजर और गैरउपजाऊ जमीनों (Barren and non-fertile lands) को लीज पर देने का फैसला किया. गुजरात के बाद यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम,हिमाचल प्रदेश समेत कई और राज्यों ने अब तक इस कानून को लागू कर दिया है. ऐसे में अब आम आदमी से लेकर किसान तक सरकारी जमीनों को बेहद ही सस्ते दामों में लीज पर लेकर खेती का काम शुरू कर मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें भी हैं, तो चलिए जानते हैं कि क्या है ये शर्तें...
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क्या है जरूरी शर्तें(what are the prerequisites)
पहला और सबसे जरूरी शर्त ये है की इन सरकारी जमीनों पर सिर्फ और सिर्फ आप औषधिय पौधे या फल ही उगा सकते हैं.
इन सरकारी जमीनों को गैर-किसान भी लीज पर ले सकते हैं.
जो जमीन को लीज पर लेना चाहता है उसे लीज पर सरकारी जमीन देना है या नहीं इसका फैसला एक हाईपावर कमेटी और कलेक्टर ही करेंगे.
गुजरात में इस कानून के तहत इन सरकारी जमीनों को लीज पर लेने के पहले 5 साल तक कोई फीस नहीं ली जाएगी.
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए काफी गंभीर है. ऐसे में इस कानून से ना सिर्फ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि इससे औषधिय पौधों की खेती और बागवानी को भी बढ़ावा मिल रहा है.