Cowpea Crop: लेबिया की फसल से अच्छा लाभ पाने के लिए किसान को अपने खेत में इसकी अच्छी किस्मों को लगाना चाहिए. लोबिया एक दलहनी फसल की श्रेणी में आने वाली फसल है, जिसकी खेती देश के छोटे व सीमांत किसानों के द्वारा सबसे अधिक की जाती है. क्योंकि यह फसल कम भूमि में भी अच्छी उत्पादन देती है. लोबिया की खेती खरीफ और जायद दोनों ही सीजन में की जाती है. लेकिन इसकी उन्नत किस्मों से किसान हर एक सीजन में लोबिया की बढ़िया पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसी क्रम में आज हम आपके लिए लोबिया की पांच उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जिसे लगाने के बाद आप प्रति एकड़ 100 से 125 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही यह किस्में 50 दिनों के अंदर पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है.
लोबिया की जिन पांच किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह पंत लोबिया, लोबिया 263, अर्का गरिमा, पूसा बारसाती और पूसा ऋतुराज है. आइए इनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं-
लोबिया की पांच उन्नत किस्में-
पंत लोबिया- लोबिया की इस किस्म के पौधे लगभग डेढ़ फीट तक ऊंचे होते हैं. पंत लोबिया को खेत में लगाने के 60 से 65 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है. लोबिया की यह किस्म प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक उत्पादन देती है.
लोबिया 263 - लोबिया की यह किस्म अगेती फसल हैं, जो खेत में 40 से 45 दिनों के अंदर पक जाती है. लोबिया 263 किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर करीब 125 क्विटंल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
अर्का गरिमा किस्म- लोबिया की अर्का गरिमा किस्म बारिश व बसंत ऋतु के दौरान बढ़िया पैदावार देती है. अर्का गरिमा किस्म 40-45 दिनों में पक जाती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 80 क्विंटल तक उत्पादन देती है.
लोबिया की पूसा बरसाती किस्म- लोबिया की इस किस्म के नाम से ही पता चलता है, कि किसान इसे अपने खेत में बारिश के समय लगाएं, तो उन्हें अच्छा उत्पादन मिलेगा. लोबिया की पूसा बरसाती किस्म की फलियां हल्के हरे रंग की होती है. यह किस्म करीब-करीब 26 से 28 सेमी लंबी होती है और यह खेत में 45-50 दिन में पक जाती है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 85-100 क्विंटल तक पैदावार देती है.
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लोबिया की पूसा ऋतुराज किस्म- इस किस्म की लोबिया खाने में बहुत ही अच्छी मानी जाती है. इसकी किस्म की फलियां हरी रंग की होती है और यह प्रति हेक्टेयर करीब 75 से 80 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है.