चॉकलेट बनाने के लिए कोको की खेती की जाती है, कोको दुनिया भर में उगाई जाने वाली एक मशहूर नगदी फसल है, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चॉकलेट बहुत पसंदीदा है, चॉकलेट को लेकर लोगों का प्यार कभी कम नहीं हुआ बल्कि दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है और इसलिए कोको की खेती कमाई के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है. खास बात ये है कि काजू और कोको विकास निदेशालय देशभर में एक बेहतरीन योजना के तहत कोको की खेती को बढ़ावा देने में जुटे हैं. कोको एक नकदी और निर्यात फसल है. देश के कई प्रांतों में कोको की खेती मुख्य रूप से की जाने लगी है.
कोको की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
कोको की खेती (Cocoa Farming) के लिए 18 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान अच्छा माना जाता है. कोको की खेती कई तरह की मिट्टी में की जा सकती है. पर गहरी और समृद्ध मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है. कोको की नियमित खेती करनी है तो ऐसी मिट्टी चुनें जिसमें नमी बनी रहे. कोको की खेती करने का सबसे उचित समय मानसून का शुरुआती वक्त होता है.
कोको की खेती के लिए भूमि की तैयारी
कोको की खेती के लिए सबसे पहले भूमि की 3 से 4 बार जुताई कर लेनी चाहिए ताकि मिट्टी को भूरभूरा बनाया जा सके. साथ ही यदि कोको की खेती (Cocoa Cultivation) बड़े पैमाने पर की जा रही है तो उससे पहले मृदा परीक्षण जरूर करवा लें.
कोको की खेती करने का तरीका
खास बात यह है कि इसे इंटरक्रॉपिंग (Intercropping) या फिर मुख्य फसल के रूप में उगाया जा सकता है. इंटरक्रॉपिंग का मतलब है कि कोको की खेती दूसरी फसलों के बीच में करना. उदाहरण के तौर पर नारियल या सुपारी के बगीचे में कोको की खेती भी कर सकते हैं. अगर कोको की खेती मुख्य रूप से करना चाहते हैं तो एक एकड़ जमीन पर 400 पौधे लगा सकते हैं दो सीडलिंग्स के बीच कम से कम 4 मीटर की दूरी होनी जरूरी है. कोको के अच्छे उत्पादन के लिए पौधों को पर्याप्त मात्रा में धूप मिलना जरूरी है. कोको की उन्नत खेती के लिए सूखी मिट्टी का इस्तेमाल करें. हाइब्रिड सीडलिंग (Hybrid Seedling) का इस्तेमाल करने का यह लाभ है कि हर फली से अधिक से अधिक फलियों मिल सकती हैं.
कोको की खेती के लिए खाद और उर्वरक
खाद कोको की खेती के लिए एक अच्छा उर्वरक है. क्योंकि कोको बिना देखभाल के 3 साल के भीतर बेहतरीन पैदावार देने के लिए सक्षम है. किसानों के अलावा गृहिणियां भी चाहे तो 4 या 5 पेड़ों के माध्यम से एक अच्छी आय अर्जित कर सकती हैं. कोको को रसोई के बेकार पानी का इस्तेमाल करके छोटे पैमाने पर उगाया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः इस प्रकार करें कोको की खेती, मिलेगा बंपर उत्पादन
कोको की खेती के लिए उत्पादन और मुनाफा
बाजार में कोको लगभग 200 रुपये प्रति किलोग्राम मिलता है.फर्मेंटेड कोको बीन्स (Fermented cocoa beans) और भी ज्यादा महंगे होते हैं. कोको की खेती करने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस फसल से पूरे साल 100% उपज होती है.