देश में ऐसी कई तरह की फसलें हैं, जो किसानों को कम लागत व कम समय में अच्छी पैदावार देती हैं. इन सभी फसलों को किसान भाई अपने खेत में अपनाकर कुछ ही महीने में अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
जानकारी के लिए बात दें कि ऐसी फसलों में सब्जियों की फसल (Vegetable Crop) भी शामिल है, जो किसान को हजारों-लाखों का लाभ प्राप्त करवा सकती है. देखा जाए तो किसान अपने खेत में खरीफ और रबी सीजन के बीच में अकेले मटर की बुआई से ही 50 से 60 दिनों में बढ़िया पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि देश-विदेश की बाजार में मटर की मांग हमेशा ही बनी रहती है.
इसकी इतनी अधिक मांग को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने मटर की कई बेहतरीन किस्मों को विकसित किया है, जो किसान को अच्छा उत्पादन के साथ-साथ बाजार में भी अच्छा लाभ दिलाएगी. आइए वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई मटर की बेहतरीन किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं...
काशी नन्दनी: मटर की इस किस्म को वाराणसी के काशी नंदिनी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने विकसित की है. इस मटर के पौधे आपको 45-50 सेमी लंबे दिखाई देंगे. वहीं इसमें पहले फलियों की उपज बुआई के करीब 60-65 दिनों के बाद आपको फल मिलने लगेगा. बता दें कि इसकी किस्म की हरी फलियों की औसत उपज 30-32 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त होती है और बीज उत्पादन से 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त होती है. देखा जाए तो मटर की यह किस्म जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड और कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के राज्य के किसानों के लिए काफी बेहतर है.
काशी उदय : इस किस्म के पौधे पूरी तरह से हरे रंग के होते हैं और इसमें छोटी-छोटी गांठें और प्रति पौधे में 8-10 फलियां होती हैं, जिसकी हर एक फली में बीजों की संख्या 8 से 9 होती है. इस किस्म से प्रति एकड़ किसान 35-40 क्विंटल हरी फलियां प्राप्त कर सकते हैं. किसान इस किस्म से एक नहीं बल्कि दो से तीन बार तुड़ाई की जा सकती है.
काशी अगेती: इस किस्म की मटर का औसत वजन 9-10 ग्राम होता है. बता दें कि इसके बीज खाने में बहुत ही अधिक मीठे होते हैं. इसके फलियों की कटाई बुआई 55-60 दिन बाद किसान कर सकते है और फिर किसानों को इसे औसत उपज 45-40 प्रति एकड़ तक उत्पादन मिलता है.
काशी मुक्ति: मटर की यह बेहतरीन किस्म चूर्ण आसिता रोग रोधी है. यह मटर बेहद मीठी होती है. यह किस्म बाकी सभी किस्मों के देर से पककर किसानों को बढ़िया उत्पादन देती है. देखा जाए तो काशी मुक्ति किस्म की हर एक फलियों में 8-9 दाने होते हैं. इसे किसानों को 50 कुंतल तक बेहतरीन उपज मिलती है.
अर्केल मटर: यह एक विदेशी किस्म है, जिसकी हर एक फलियों से किसानों को 40-50 कुंतल प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त होता है. इसके हर फली में बीजों की संख्या 6-8 तक पाई जाती है.