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Updated on: 18 December, 2022 4:07 PM IST
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अगर आप खेती में कुछ नया और अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो जिरेनियम की खेती आपके लिए वरदान साबित होगी. जिरेनियम की खेती करके लाखों में कमाई की जा सकती है. आज के इस लेख में हम आपको जिरेनियम की उन्नत किस्में और खेती के तरीके के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

क्या है जिरेनियम-

यह एक खुशबुदार पौधा हैइसके पौधों से तेल निकाला जाता है. यही तेल औषधीय कामों में इस्तेमाल होता है. चूंकि इसके फूल से गुलाब जैसी सुगंध आती हैलिहाजा इसका इस्तेमाल साबुनइत्रसौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है. जिरेनियम की खेती मुख्य तौर पर विदेशों में की जाती है. लेकिन अब धीरे-धीरे भारत के किसान भी इसकी खेती करने लगे हैं. 

खेती पर सब्सिडी-

जिरेनियम की प्रतिवर्ष मांग 120-130 टन है और भारत में सिर्फ से टन ही उत्पादन होता हैऐसे में इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है.

जिरेनियम की खेती के लिए उचित जलवायु-

जिरेनियम की खेती कम पानी वाली जगह की जा सकती है. ऐसे क्षेत्र जहां बारिश 100 से 150 सेमी होवह स्थान उत्तम होते हैं. 

जिरेनियम की प्रमुख किस्में

जिरेनियम की कुछ उन्नत किस्मों में अल्जीरियनबोरबनइजिप्सियन और सिम-पवन शामिल हैं.

जिरेनियम के लिए उपयुक्त भूमि-

इसकी खेती के लिए किसी खास भूमि की जरुरत नहीं होती. लेकिन शुष्क व जीवांशयुक्त बलुई दोमट मिट्टी जिसका P.H. मान 5.5 से 7.5 तक होउपयुक्त होती है.

जिरेनियम की खेत की तैयारी-

जिरेनियम की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें. पाटा लगाकर समतल करें व पानी निकासी की उचित व्यवस्था करें. ये लंबे समय की खेती है. अति जलजमाव न हो इसका ध्यान रखना चाहिए.

जिरेनियम की बुवाई का उपयुक्त समय-

मार्च का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है.

कहां से ले जिरेनियम का पौधे-

केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से इसके पौधे खरीद सकते हैंआसपास जिरेनियम की खेती करने वाले किसानों से पौधों की कटिंग ले सकते हैं या पॉली हाउस से संपर्क कर भी पौधा खरीदा जा सकता है. 

जिरेनियम के लिए खाद व उर्वरक- 

जिरेनियम के अच्छे विकास व उत्पादन के लिए 300 क्विंटल गोबर खादनाइट्रोजन 150 किलोग्रामफास्फोरस 60 किलोग्राम और पोटाश 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए. इसके अलावा अंतिम जुताई के वक्त फास्फोरस और पोटाश भी डालना चाहिए.

जिरेनियम की सिंचाई

जिरेनियम के पौधों को मिट्टी की प्रकृति और मौसम के आधार पर पानी दिया जाता है. इसे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. पहली सिंचाई पौधों की रोपाई के बाद करनी चाहिए. ज्यादा पानी से जड़ गलने की संभावना होती है.

जिरेनियम की कटाईः 

पौधों में पत्तियां परिपक्व अवस्था में आ जाएं तो इसकी कटाई करनी चाहिए. पौधे से माह में ही कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं.

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जिरेनियम में लागत व मुनाफा-

जिरेनियम की खेती में प्रति हेक्टेयर लगभग 80 हजार रुपए का खर्च आता है. लेकिन इसके पौधों से निकलने वाला तेल काफी महंगा होता हैजिसकी कीमत भारत में 12 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए प्रति लीटर तक होती है. इस तरह आप प्रति हेक्टेयर 2.5 लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं. लागत को अलग किया जाए तो भी प्रति हेक्टेयर लाख 70 हजार रुपए तक का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके पौधे से साल तक उत्पादन देते हैं तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: Farmers will be benefited by cultivating this crop, only 1 liter of oil is sold up to 14 thousand
Published on: 18 December 2022, 04:17 PM IST

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