Solar Panel Scheme: अब 25 साल तक नहीं देना होगा बिजली बिल, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ? सीधी बुवाई (डीएसआर) विधि से धान की खेती: चुनौतियां और समाधान Monsoon 2025: इस बार किसानों पर मेहरबान रहेगा मानसून, झमाझम बारिश की संभावना,जानिए IMD की भविष्यवाणी Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Digital India: लॉन्च हुआ फेस आईडी वाला Aadhaar App, अब नहीं देनी होगी कहीं आधार की फोटोकॉपी! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? सिंचाई के लिए पाइप खरीदने पर किसानों को ₹15,000 तक की सब्सिडी, जानिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया!
Updated on: 18 March, 2025 3:15 PM IST
फालसा की खेती: गर्मी में ठंडक देने वाला लाभदायक फल, सांकेतिक तस्वीर

Grewia Subinaequalis: फालसा एक भारतीय मूल का फल है, जिसे गर्मियों में उसकी ठंडी तासीर के कारण खूब पसंद किया जाता है. यह कठोर प्रकृति का पौधा है और सूखे व अर्ध-सूखे क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है. भारत में फालसे की खेती मुख्य रूप से हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान करते हैं. यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर भी होता है.

फालसा की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो कम पानी और कम लागत में अधिक मुनाफा देती है. इसके औषधीय गुण और ठंडी तासीर इसे गर्मियों के लिए बेहद खास बनाते हैं. सही तकनीक से खेती कर किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं कि कैसे-

फालसा की उपयोगिता

  • फल और जूस: ताजे फल और जूस के रूप में सेवन किया जाता है.
  • पौष्टिक तत्व: इसमें प्रोटीन, विटामिन, अमीनो एसिड, फाइबर और कई खनिज लवण मौजूद होते हैं.
  • औषधीय गुण: पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग किया जाता है.
  • अन्य उपयोग: पत्तियां, तना और जड़ का उपयोग ईंधन, लकड़ी और पशु चारे के रूप में किया जाता है.

जलवायु और मिट्टी

  • फालसा की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त होती है.
  • यह 30-40 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह बढ़ता है.
  • इसे अच्छे जल निकास वाली जीवांशयुक्त दोमट या बलुई मिट्टी में उगाना चाहिए.
  • मिट्टी का pH स्तर 6.1 से 6.5 के बीच होना चाहिए.

बुवाई और उपयुक्त समय

  • फालसा की बुवाई बीज या कटिंग से की जाती है.
  • बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर बोना चाहिए.
  • कटिंग से बुवाई के लिए 20-25 सेमी लंबी स्वस्थ टहनियों का उपयोग करें.
  • सबसे अच्छा समय: जुलाई-अगस्त (मानसून के दौरान).
  • रोपाई से 1 माह पहले 60x60x60 सेमी गड्ढे तैयार करें और गोबर की खाद मिलाएं.
  • पौधों की दूरी 3x2 मीटर या 3x1.5 मीटर रखें.

खाद और उर्वरक प्रबंधन

  • बिना खाद के भी फसल उगाई जा सकती है, लेकिन उच्च गुणवत्ता के लिए उर्वरकों का प्रयोग करें.
  • प्रति वर्ष 10 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति पौधा डालें.
  • 100 ग्राम नाइट्रोजन, 40 ग्राम फॉस्फोरस और 40 ग्राम पोटाश प्रति झाड़ी दें.

सिंचाई प्रबंधन

  • फालसा के पौधों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती.
  • गर्मियों में 1-2 बार हल्की सिंचाई करें.
  • कटाई-छंटाई के बाद सर्दियों में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें.
  • फल बनने के दौरान 15-20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई से अच्छी गुणवत्ता प्राप्त होती है.

कटाई और छंटाई

  • अधिक उत्पादन के लिए झाड़ी के रूप में रखकर छंटाई करें.
  • उत्तर भारत में छंटाई जनवरी में और दक्षिण भारत में दो बार की जाती है.
  • छंटाई भूमि सतह से 15-20 सेमी की ऊंचाई पर करें, जिससे नई शाखाएं अधिक निकलें.

पुष्पन और फलन

  • फालसा के पौधों में फरवरी-मार्च में फूल लगते हैं.
  • फूल छोटे, पीले रंग के और गुच्छों में आते हैं.
  • अप्रैल-मई में फल पकते हैं और 15-18 महीने बाद पौधों में फल लगना शुरू हो जाता है.
  • अच्छी उपज 3 साल बाद मिलती है.

तुड़ाई और विपणन

  • फलों की तुड़ाई अप्रैल-मई में होती है.
  • पकने पर फल हरे से लाल या गहरे बैंगनी रंग में बदल जाते हैं.
  • तुड़ाई हाथों से की जाती है और यह प्रक्रिया 1 माह तक चलती है.
  • फालसा जल्दी खराब होता है, इसलिए इसे 24-48 घंटे के अंदर उपयोग करें.
  • प्रति झाड़ी 5-10 किलोग्राम उपज प्राप्त हो सकती है.

फालसा की खेती से मुनाफा

  • एक एकड़ में 1500 पौधे लगाकर किसान 50-60 क्विंटल उत्पादन कर सकते हैं.
  • ताजे फल बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
  • जूस और अन्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से संपर्क कर बड़े पैमाने पर बिक्री की जा सकती है.
English Summary: Farmers rich by cultivating Phalsa advanced method of farming Profitable Summer Fruit
Published on: 18 March 2025, 03:18 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now