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Updated on: 22 October, 2025 6:15 PM IST
हरी मिर्च की उन्नत किस्में ( Image source - AI generate)

भारत में हरी मिर्च एक ऐसी फसल है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। हरी मिर्च के बिना सब्जी का स्वाद अधूरा लगता है। यही वजह है कि आजकल किसान पारंपरिक फसलों की बजाय हरी मिर्च की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। ऐसे में आइए मिर्च की खेती करने का तरीका और मिर्च की टॉप उन्नत किस्मों के बारे में जानते हैं-

हरी मिर्च की लोकप्रिय उन्नत किस्में

यदि किसान नीचे दी गई उन्नत किस्मों की खेती करते हैं, तो उन्हें बेहतर गुणवत्ता और उच्च उत्पादन मिल सकता है, जिससे बाजार में अच्छा भाव प्राप्त होता है और उपभोक्ता भी संतुष्ट रहते हैं:

  • पूसा ज्वाला: रोगों के प्रति सहनशील और अधिक उत्पादन देने वाली किस्म।

  • अर्का हरिता: मौसम के अनुकूल, लंबे समय तक फल देने वाली किस्म, जिससे किसान बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

  • अर्का सुप्रिया: कीट-प्रतिरोधक और चमकदार फल वाली किस्म।

  • काशी अनुशा: सबसे लोकप्रिय किस्मों में से एक, प्रति हेक्टेयर 150–200 क्विंटल तक उत्पादन देती है।

  • काशी सुधा और गौरव-21: दोनों किस्में 20–30% ज्यादा उत्पादन देती हैं और बाजार में ऊंचा भाव प्राप्त करती हैं।

बुवाई का समय

हरी मिर्च की खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में बेहतरीन होती है। इसके लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है। बुवाई के समय पर विशेष ध्यान दें:

  • गर्मी की फसल: फरवरी से अप्रैल के बीच बुवाई करें।

  • बरसाती फसल: जून से जुलाई में बुवाई उपयुक्त रहती है।

  • रबी सीजन: अक्टूबर–नवंबर में रोपाई सबसे उचित मानी जाती है।

खेत की तैयारी और पौध रोपाई

जो किसान हरी मिर्च की उन्नत किस्मों की खेती करना चाहते हैं, उन्हें चाहिए कि:

  • खेत को 2 से 3 बार गहराई से जोतें, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए।

  • प्रति बीघा 15--20 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद डालें, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ पौधों के लिए भी लाभकारी है।

पौधों की रोपाई की दूरी:

  • पौधों को 45x45 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं।

  • इससे पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है, जिससे रोगों का खतरा कम होता है।

 

उपज और मुनाफा

  • किसान यदि मिर्च की इन किस्मों की खेती करते हैं, तो एक हेक्टेयर में ₹3 लाख से ₹8 लाख तक की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

  • ये किस्में 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती हैं और पौधे 5 से 6 महीने तक लगातार फल देते हैं।

  • उपज की बात करें तो, प्रति हेक्टेयर 150 से 250 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है।

English Summary: Farmers earn big profits cultivating varieties of green chillies – Know the complete process and benefits
Published on: 22 October 2025, 06:21 PM IST

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