महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 17 March, 2023 11:00 PM IST
मिश्रित खेती के फायदे

Bihar: बिहार के समस्तीपुर जिले में खेती में बढ़ती लागत एवं फसल में कीट व रोगों की प्रकोप से किसान परेशान हो रहे हैं. ऐसे में किसान खेती में वैज्ञानिक तौर- तरीकों को अपनाकर कीटों और रोगों से छुटाकरा पा कर खेती को एक लाभदायक व्यवसाय साबित कर रहे हैं.

खेती से जुड़ी जानकारी वारी गांव में आयोजित प्रक्षेत्र कार्यक्रम के तहत कृषि विज्ञान केंद्र लादा के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. अभिषेक सिंह द्वारा किसानों को दी गई. किसानों से वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के बीच दलहनी फसलों का महत्व एवं लाभ के बारे में जागरूक करना है. क्षेत्र में दलहनी फसल उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं, उन्होंने बताया की फसल चक्र अपनाकर किसान खेतों में कम हो रही उर्वरा शक्ति को बचा सकते हैं.

उन्होंने किसानों को जानकारी देते हुए बताया की किसान लगातार एकल फसल पद्धति के साथ काफी मात्रा में रासायनिक उर्वरक व दवा का प्रयोग करते हैं, जिसके कारण दिन प्रतिदिन खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति में हरास होती जा रही है.

हमारे किसान भाई फसल चक्र अपनाकर खेत में दलहन, चना, मसूर, मटर, मूंग, उड़द, आदि दलहनी फसल खेत में उगाकर मिट्टी की भौतिक एवं रासायनिक संरचना में सुधार कर सकते हैं और साथ ही प्रति इकाई क्षेत्रफल से कम लागत में अधिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं.

इस अवसर पर केंद्र के फसल उत्पादन वैज्ञानिक डॉ. अर्नव कुंडू ने बताया कि अगले साल चने की खेती को अधिक से अधिक करें. हमारे शरीर में दिन पर दिन पोषक तत्वों की कमी के कारण स्वास्थ्य में गिरावट होती जा रही है.

ये भी पढ़ेंः फसल चक्र एवं फसल चयन से भूमि उर्वरता कैसे बनायें...

पशुपालन के वैज्ञानिक डॉ. कुंदन कुमार ने बताया कि खेती और पशुपालन दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. खेती में सफलता के लिए आवश्यक है कि किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी ध्यान दें. इस दौरान उन्होंने किसानों को पशुपालन के साथ खेती करने की सलाह देते हुए प्राकृतिक खेती के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है.

English Summary: Farmers can save the fertility of the fields by adopting the crop cycle
Published on: 17 March 2023, 03:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now