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Updated on: 28 January, 2022 1:53 AM IST
Kinnu Cultivation

मौसम में बदलाव की वजह से फसलों को भारी नुकसान पहुँचता है. इस बदलाव से फसलों में कई तरह के रोग लग जाते हैं, जिससे किसानों को बहुत नुकसान होता है. इसके साथ ही फसल भी पूर्णरूप से बर्बाद हो जाती है. ऐसा ही नजारा राजस्थान के श्री गंगा नगर (Sri Ganga Nagar of Rajasthan) में दिखाई दे रहा है.

दरअसल, यहाँ बारिश और बदहाली के कारण किन्नू फल में फ्रूट गलन रोग का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस वजह से किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव भी नहीं मिल पा रहा है.

फ्रूट गलन रोग (Fruit Rot Disease) की वजह से फल पेड़ों से टूट कर स्वतः गिर रहे हैं. ऐसे अमें जिन किसानों ने अपने बागों से किन्नू फल की तुड़ाई नहीं की है. उनके बागों में यह समस्या ज्यादा दिखाई दे रही है.

किसानों को नहीं मिल रहा अच्छा भाव (Farmers Are Not Getting Good Price)

किसानों का कहना है कि फल गिरने की वजह से मंडी में इसके भाव भी अच्छे नहीं मिल रहे हैं, साथ ही कुछ किसानों के किन्नू फल की बिक्री ही नहीं हो रही है. ऐसे में वे फलों को सड़क पर फेंक रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, गलन रोग की वजह से मंडियों में किन्नू के दाम 60 से 65 रुपए प्रति किलो थोक से बिकने की जगह अब 20 से 22 रुपए बिक रहे हैं. इस रोग की वजह से किसानों को उनकी लागत का दाम भी नहीं मिल रहा है.

इसे पढ़ें - बदलते मौसम में रोग और कीटों से कैसे बचाएं फसल, पढ़िए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

12 हजार हेक्टेयर में किन्नू बाग (Kinnu Bagh In 12 Thousand Hectares)

गंगा नगर में लगभग 12 हजार हेक्टेयर में किन्नू के बाग हैं, जिसमें गत वर्ष 3.80 लाख एमटी किन्नू का उत्पादन हुआ था. गत फरवरी माह में नहरबंदी के कारण सिंचाई पानी की कमी के कारण ओर मौसम में होते बदलाव की वजह से इस बार उत्पादन गत वर्ष से 60 से 65 प्रतिशत कम पाया है. 

वहीं राज्य के कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस रोग का कोई उपचार नहीं है. इस वजह से  रोग को नियंत्रित करने के कोई सुझाव नहीं दिए जा सकते हैं. बस किसानों को अपनी फसल की देशभाल अच्छी तरह करनी होगी, ताकि फसल रोग की चपेट में ना आ सके.

English Summary: farmers are suffering due to fruit rot disease
Published on: 28 January 2022, 03:29 PM IST

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