कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए किसान विदेशी फलों और सब्जियों की खेती करने लगे हैं. इन्हीं में से एक सब्जी है चाइनिज कैबेज, जिससे चाइनीज़ पत्तागोभी भी कहते हैं. इस चीनी पत्तागोभी में अच्छी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसका उपयोग चाइनीज़ फूड, चावल आदि में किया जाता है. लिहाजा विदेशों के साथ भारत में भी चीनी गोभी की मांग बढ़ गई है. यह गोभी सामान्य गोभी के मुकाबले ज्यादा दाम पर बिकती है. लिहाजा किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
चाइनीज गोभी की उन्नत किस्में
चाइनीज गोभी की कई किस्में पाई जाती हैं, जिसमें ऊंची बढ़ने वाली किस्म 30-45 सेमी. वृद्धि करती है. इसका वजन 4 से 5 किलो तक होता है. कम ऊंची बढ़ने वाली किस्में, जिनका वजन 3 से 4 किलो और लंबाई 25 से 30 सेमी होती है. संकर किस्म में छोटे कद में 20-30 सेमी ऊंचाई और 2-2½ किलो वजन होता है.
चाइनीज गोभी के पौधों के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
चाइनीज़ गोभी शरद ऋतु की सब्जी है. इसके लिए ज्यादा गर्म जलवायु अच्छी नहीं होती. इसकी फसल के शुरुआती विकास के लिए 15 से 22 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है. इसकी खेती के लिए सभी प्रकार की मिट्टी अच्छी होती है. लेकिन भूमि दोमट या बालुई दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 6 से 7.5 के बीच हो, उपयुक्त होती है. मिट्टी में जलनिकासी होना आवश्यक है. इस गोभी को उगाने के लिए अच्छी नमी वाली मिट्टी की जरुरत होती है. फसल की बुवाई के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है. फसल अक्टूबर व नवंबर में बोई जाती है.
चाइनीज गोभी की फसल बुवाई से पहले खेत की तैयारी
इसकी खेती के लिए हरी खाद, कम्पोस्ट, जैविक खाद सबसे ज्यादा जरुरी होती है. पौधों की बुवाई से पहले कम से कम चार से पांच बार खेत की अच्छी तरह जुताई करें. ताकि फसलों के अवशेष मिट्टी में दब जाएं और मिट्टी भुरभुरी हो जाए. आप मिट्टी में जैविक खाद मिलाकर उसे उपजाऊ बनाएं. मिट्टी तैयार करते समय उसमें फास्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन की मात्रा वाली खाद डालें. ताकि पौधों का अच्छे से विकास हो.
चाइनीज गोभी के बीज की तैयारी
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चाइनीज गोभी की खेती बीज से की जाती है. इसके अंकुरों को नर्सरी बेड या ग्रीनहाउस में उगाया जाता है. इन्हें सीधे भी खेत की क्यारियों में बो सकते हैं. आप नजदीकी कृषि केंद्र में जाकर या ऑनलाइन साइट्स की सहायता से बीज मंगवा सकते हैं. इसके अलावा नर्सरी से भी तैयार पौधे खरीद सकते हैं.
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एकल दाना बीज तकनीक में एक हेक्टेयर के लिए करीब 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. सामान्य और पारंपरिक तरीके से खेती की जाए तो प्रति हेक्टेयर 1 किलो बीज की आवश्यकता होती है.
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पारंपरिक तकनीक से बुवाई के लिए 2 से 4 सप्ताह बाद रोपाई को पतला कर देना चाहिए. खेत में सीधी बिजाई में क्यारियों में बीजों को 1 से 2 सेंटीमीटर की दूरी पर बोना चाहिए. नर्सरी में बीज अंकुरण के दौराण अंकुर लगभग 15 से 16 सेमी के हो जाएं तो रोपाई की जा सकती है. खेत में पौधों को लगाने की दूरी इस प्रकार रखें कि पंक्ति से पंक्ति 60 सेमी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी. हो.
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पौध की बुवाई पद्धति में प्रति हेक्टेयर 75 हजार से 80 हजार पौधों की जरुरत होती है.
चाइनीज गोभी के लिए खाद व उर्वरक
चाइनीज गोभी की खेती के लिए मिट्टी में आवश्यक खाद देना आवश्यक है. खेत में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 160 से 200 किलो नाइट्रोजन, 80 से 120 किलो फास्फोरस, 180 से 250 किलो पोटाश, 100 से 150 किलो कैल्शियम, 20 से 40किलो मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है. रोपण से पहले नाइट्रोजन की पूर्ति करना आवश्यक होती है.
चाइनीज गोभी की फसल सिंचाई
चाइनीज गोभी के लिए ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता होती है. रेतीली मिट्टी में सप्ताह में 3 बार सिंचाई करें. रोपाई के तुरंत पर सिंचाई करें. यदि मिट्टी बलुई दोमट हैं तो सप्ताह में 2 बाइ सिंचाई करें. पौधों की जड़ों में नमी बनाए रखना जरुरी है, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी न जमा हों. बारिश के समय में जलनिकासी होना जरुरी है. पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन, फ्लड इरिगेशन, माइक्रो जेट स्प्रिंकलर इरिगेशन तकनीक अच्छी होती है. शरद ऋतु की फसल होने से 7-8 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है.
चाइनीज गोभी की फसल के लिए खरपतवार नियंत्रण
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इस चीनी गोभी की खेती के लिए खरपतवार नियंत्रण की आवश्यकता होती है. आप हाथ से खरपतवार हटाएं. खरपतवार रोकने के लिए पंक्तियों में उथली जुताई करना चाहिए. सिंचाई के बाद एक- दो गुड़ाई जरुर करें. खरपतवार रहने से फसल कमजोर रह जाती है.
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चीनी गोभी की फसल में मिल्डयू, पाउडरी मिल्डयूज, क्लब रुट और ब्लैक रोट रोग लगते हैं. जिससे फसल को बचाने के लिए उचित कीटनाशकों का उपयोग करें. कीट अधिकतर एफिड (चेपा) लगता है जो रोगोर व मेटासीड 1% घोल से छिड़काव करें.
चाइनीज गोभी की फसल पैदावार-
चाइनीज कैबेज की पैदावार अच्छी होती है. ये 2 से 3 महीने के बीच मे तैयार हो जाती है. अगर सभी चीज़ों का ध्यान रखा जाए तो 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज मिल सकती है. यह गोभी बाजार में 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक बिकती है.