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Updated on: 26 December, 2022 4:52 PM IST
शकरकंद के निर्यात में हो रहा इजाफा, इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर होगी लाखों की कमाई

भारत में कृषि का इतिहास बहुत पुराना रहा है. हमारे देश की मिट्टी में ऐसे खनिज लवण व पौषक तत्व मौजूद हैंजिससे कई खाद्य सामग्री उत्पादित होती है. भारत को हर राज्य व क्षेत्र में अलग- अलग जलवायु होने के कारण उष्णकटिबंधीय कहा जाता है. यहां हर जगह की मिट्टी में अंतर देखने को मिलता है जिस कारण से अलग- अलग खाद्य पदार्थ उत्पादित होते हैं. खास बात यह कि इन पदार्थों की मांग देश के साथ-साथ पूरे विश्व में बनी रहती है. 

इसी प्रकार से भारत में उगने वाले शकरकंद का स्वाद पूरी दुनिया को भा रहा है तभी तो भारत से शकरकंद का निर्यात भारी तादाद में किया जा रहा है. फिलहाल भारत शकरकंद के निर्यात की सूची में छठे स्थान पर बना हुआ हैलेकिन जिस प्रकार से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और निर्यात में इजाफा हो रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हम पहले स्थान पर होंगे. इसी को देखते हुए शकरकंद की खेती किसानों के लिए एक अच्छी आय का स्रोत बन सकती है. आज हम इस लेख से जानेंगे की कैसे शकरकंद की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

शकरकंद की खेती के लिए मिट्टी

किसी भी फसल की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि सही मिट्टी का चयन किया जाए. शकरकंद की खेती के लिए जरूरी है कि जमीन की मिट्टी अधिक कठोर व पत्थरीली न हो. इसके अलावा शकरकंद की खेती के लिए जलभराव वाले खेतों में फसल उगाना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. शकरकंद की खेती के लिए मिट्टी का सही पीएच मान 5.8 से 6.8 के बीच होना चाहिए.

कैसे करें शकरकंद की खेती

शकरकंद की बुवाई के लिए 25,000-30,000 कटी हुई बेलों या 280-320 किलो कंदों की बुवाई प्रति एकड़ की दर से करें. शकरकंद गांठों को नर्सरी बैडों पर जनवरी से फरवरी के महीने में बोया जाता है और अप्रैल से जुलाई के महीने में बेलों की बिजाई की जाती है, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है. अच्छी उपज के लिए जरूरी है कि फसल को समय-समय पर उचित पोषण मिलता रहे. जिसके लिए किसानों को खाद व उर्वरक का विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जैविक खाद के तौर पर आप जानवरों के सड़े हुए गोबर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आप शकरकंद की अच्छी फसल के लिए खेतों में फॉस्फोरस, नाइट्रोजन का उपयोग कर सकते हैं.

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शकरकंद की पैदावार

शकरकंद की खेती किसानों के लिए मुनाफेदार साबित होती है. बात करें उत्पादन क्षमता की तो किसान प्रति हेक्टेयर जमीन से लगभग 25 टन शकरकंद का उत्पादन पा सकते हैं. यदि आप 10 रुपए प्रति किलो की दर से अपने शकरकंद का व्यापार करते हैं तो आपको 2 लाख रुपए की आय अर्जित होगी और 75 हजार रुपए लागत के हटा दें तो केवल एक हेक्टेयर जमीन से आपको 1.25 लाख रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा.

English Summary: Export of sweet potato is increasing, its cultivation will earn lakhs per hectare
Published on: 26 December 2022, 05:03 PM IST

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