पौधों के विकास के लिए पोषक तत्वों की जरुरत होती है. यदि पौधे में पोषक तत्वों की कमी हो तो कुछ लक्षण दिखने लगते हैं. इसके परिणामस्वरूप इनमें अन्य समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं. पौधों में तांबे की कमी या अधिकता होने पर इसका विकास रुक जाता है. पौधे में इस आवश्यक पोषक तत्व की कमी से इसका जीवन चक्र अच्छी तरह से पूरा नहीं हो पाता है, बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं और पौधे की जड़ें, तना, पत्तियां और फूल ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं. ऐसे में आज हम जानेंगे कि पौधों में तांबे का क्या महत्व होता है और इसकी कमी से पौधों में क्या लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं.
तांबे की कमी का असर
पौधों में तांबे की कमी होने से इसका विकास रुक जाता है और पत्तियां भी पीली पड़ने लगती हैं. इसके अलावा पौधे के तनें कमजोर होने लगते हैं और इसका विकास रुक जाता है. पौधों के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की जरुरुत होती है, लेकिन इसके संपूर्ण विकास के लिए तांबे को सबसे अहम माना जाता है. ऐसे में अगर इसमें तांबे की मात्रा अधिक हो जाती है तो भी पौधे का संतुलन बिगड़ जाता है. पौधों में तांबे की मात्रा अधिक होने के कारण इनमें आयरन की कमी होती है और विकास बहुत धीमी गति से होता है. यह पौधे की जड़ों को कमजोर कर देता है.
यह भी देखें- फूलों की खेती पर बिहार सरकार दे रही सब्सिडी, जानें कितने प्रतिशत मिलेगा अनुदान
कैसे दूर करे तांबे की कमी
- पौधों को अपने सामान्य विकास के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता एक क्षमता के अनुसार होती है, जिनमें से कुछ की पौधों को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है, जिन्हें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के रूप में जाना जाता है, और कुछ पोषक तत्व जिनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है..
- पौधों के लिए तांबे की उपलब्धता बढ़ाने का एक तरीका ईडीटीए (एथिलीनडायमिनेटेट्राएसिटिक एसिड) का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही आयरन, जिंक ऑक्साइड को भी देना चाहिए.
- कवक के विकास के लिए तांबा महत्वपूर्ण होता है, इसलिए खादयुक्त कार्बनिक पदार्थ मिलाने से कवक के प्रसार में मदद मिलती है. यदि आवश्यक हो तो तांबे की कमी को दूर करने के लिए आप रसायनों का उपयोग कर सकते हैं.
- तांबे की कमी को पूरा करने के लिए जमीन में खुबानी के बीज को मिलाना चाहिए, क्योंकि वे इस पोषक तत्व की उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
आप कॉपर सल्फेट या क्यूप्रिक ऑक्साइड पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं.