भारत का सुपारी उत्पादन में दुनिया में पहला स्थान है. दुनिया की आधी सुपारी का उत्पादन भारत में होता है. भारत में सुपारी को शौकिया ही नहीं खाया जाता बल्कि धार्मिक कार्यकलापों में भी इसका प्रयोग होता. बच्चे और बड़े किसी ना किसी रूप में सुपारी खाना पसंद करते हैं और पान तो इसके बिना अधूरा ही माना जाता है.
शरीर के लिए बेहद फ़ायदेमंद है सुपारी
यह सही है कि सुपारी का अत्यधिक प्रयोग शरीर को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इसके कुछ फायदे भी होते हैं. महिलाओं के लिए सुपारी विशेष रूप से फायदेमंद है. यही कारण है कि उनके लिए सुपारी को पीसकर लड्डू तैयार किए जाते हैं. इससे उनके शरीर को मजबूती मिलती है और नवीन ऊर्जा का संचार होता है. कमर दर्द में राहत के लिए भी सुपारी बहुत लाभदायक है.
सुपारी की खेती के लिए उपयुक्त दशा
सुपारी की खेती किसी भी मिट्टी में की जा सकती है. चिकनी दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे बढ़िया है. इसके पेड़ 50 फीट लंबे होते हैं यानि नारियल के पेड़ों की तरह ही ये दिखते हैं.
सुपारी की खेती के लिए धैर्य की जरुरत
सुपारी के पेड़ 8 सालों में फल देना शुरू करते हैं, लेकिन एक बार यदि फल देना शुरू कर दें, तो फिर चांदी ही चांदी है.
इस तरह करें सुपारी की खेती
सुपारी के पौधों की खेती करने के लिए सबसे पहले पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है. क्यारियां बन जाने के बाद जब ये पौधों के रूप में विकसित हो जाती हैं तब खेतों में रोपाई कर दी जाती है. पौधों की रोपाई के समय यह ध्यान रखना है कि उन खेतों में जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था हो.
किन महीनों में करें सुपारी की खेती
जुलाई-अगस्त का महीना सुपारी की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है.
कब करें सुपारी के फल की तुड़ाई
इसके फलों की तुड़ाई तब करें जब इसका तीन चौथाई हिस्सा पक जाए. समय पर तुड़ाई करने से इसी गुणवत्ता बनी रहती है और बाजार में सुपारी के अच्छे दाम मिलते हैं .
कितना होता है सुपारी की खेती से मुनाफा
इसकी कीमत करीब 400 से 600 प्रति किलो तक होती है. यानी यदि 1 एकड़ में सुपारी की खेती की जाए तो अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. मुनाफे को लाखों से करोड़ों में पहुंचाने के लिए पेड़ों की संख्या को बढ़ा दिया जाए तो यह एक बेहतरीन व्यवसाय साबित हो सकता है.