भिन्डी एक ऐसी सब्जी जो हर घर में खायी जाती है. भिन्डी केवल हरे रंग की होती है यह सभी जानते हैं, लेकिन क्या अपने कभी लाल भिन्डी के बारे में सुना है. बता दें कि आज कल लाल भिन्डी काफी चर्चा में है. लाल भिन्डी में पाए जाने वाले पोषक तत्व सेहत के लिए बहुत लाभदायी होते हैं. लाल भिन्डी की खेती यूरोपीय देशों में की जाती है. लेकिन अब भारत में भी इसकी खेती काफी लोकप्रिय हो गई है. आइये जानते हैं लाल भिन्डी की खेती से जुडी पूरी जानकरी-
लाल भिन्डी खेती के लिए उपयुक्त मिटटी (Soil Suitable for Red Ladyfinger Cultivation)
लाल भिन्डी की खेती के लिए बालुई दोमट मिटटी उपयुक्त मानी जाती है. इसके साथ ही मिटटी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए. इसकी मिटटी का पीएचमान 6.5 – 7.5 के बीच होनी चाहिए.
लाल भिन्डी की खेती के लिए उपयुक्त सिंचाई (Suitable Irrigation for Red Ladyfinger Cultivation)
लाल भिन्डी की खेती में सिंचाई सामान्य भिन्डी की तरह ही की जाती है. इसकी सिंचाई मौसम के अनुसार की जाती है, यदि बारिश का मौसम है, तो इसमें सिंचाई की जरुरत नही पड़ती और यदि ज्यादा गर्मी है तो 7- 8 दिन के अन्दर सप्ताह में सिंचाई कर सकते हैं.
लाल भिन्डी खेती में उर्वरक की मात्रा (Fertilizer Quantity in Red Ladyfinger Cultivation)
100 कि.ग्रा. नाइट्रोजन
60 कि.ग्रा. फास्फोरस
50 कि.ग्रा. पोटाश
लाल भिंडी की बुवाई की विधि (Method of Sowing Red Ladyfinger)
भिंडी के बीजों को बुवाई से पहले 10-12 घंटे तक पानी में भिगो दें. इसके बाद लगभग एक घंटा छाया में सुखा दें. इससे अंकुरण अच्छा होता है. इसके बाद खेत में लाइन से लाइन 45-60 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 25-30 सेंटीमीटर रखने हुए बुवाई कर दें.
लाल भिन्डी की बुवाई का समय (Sowing Time of Red Ladyfinger)
लाल भिन्डी की फसल का बुवाई का जुलाई से अगस्त के बीच का उपयुक्त माना जाता है.
लाल भिन्डी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable Climate for Cultivation of Red Ladyfinger)
लाल भिंडी की खेती के लिए मध्यम जलवायु उपयुक्त होती है. लाल भिन्डी के पौधे की लम्बाई लगभग एक से डेढ़ मीटर तक होती है. लाल भिंडी की खेती खरीफ और बरसात दोनों मौसम में की जाती है. इसके पौधे को बारिश की ज्यादा जरूरत नही होती. पौधों को विकास के लिए दिन में लगभग 6 घंटे तक धूप की आवश्यकता होती है.
लाल भिन्डी की उन्नत किस्में (Varieties of Red Ladyfinger)
लाला भिन्डी की दो प्रकार की किस्म पाई जाती हैं-
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आजाद कृष्णा
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काशी लालिमा
लाल भिन्डी की खेती में लागत और कमाई (Cost and Earning in Cultivation of Red Lady finger)
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लाला भिन्डी का उत्पादन सामान्य हरी भिन्डी की तुलना में तीन गुना ज्यादा है.
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इसकी कीमत बाज़ार में अधिक है
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इसमें लागत कम है.
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बाजार में अमूमन एक किलोग्राम लाल भिंडी 100 से 500 रु की कीमत पर मिल जाती है.