राजस्थान के भरतपुर में एक गांव है, जिसका नाम है मालीपुरा. वैसे तो यह गांव भी आम गांवों की तरह ही है. लेकिन यहां के एक किसान उदयसिंह सोगरवाल चर्चाओं में बने हुए हैं. दरअसल आज से कुछ साल पहले उन्होंने हाइब्रिड नींबू का पौधा लगाया था, जिसमें अब फल आने लगे हैं. उदयसिंह द्वारा लगाए गए नींबू में एक बीघा खेत में 4 से 5 हजार रुपये के नींबू की पैदावार हो जाती है. वे पूरी तरह से जैविक खेती ही करते हैं.
आम नींबू की मुकाबले है खास
उदसिंह के नींबू आम नींबू के मुकाबले खास है. उन्होंने बताया कि उनके पास लोग प्रतिदिन नींबू खरीदने आते हैं, जिसमें अधिक संख्या पथरी और रक्तचाप संबंधी मरीजों की होती है. गौरतलब है कि ये नींबू आम नींबू की तुलना में बहुत ही बड़ा और आकर्षक है और पथरी के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. एक नींबू का दाम 10 से 15 रूपये है. उनके नींबूओं की मांग सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा के मार्केट में है.
ऐसे बढ़ सकती है आमदनी
उदयसिंह ने बताया कि फसल चक्र से बाहर निकल कर बागवानी करना भी किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. हाइब्रिड नींबू की खेती में यह बात और भी कारगर साबित होती है. हाइब्रिड नींबू की खेती के लिए दोमट मिट्टी वाली भूमि सबसे बेहतर है. अगर जल प्रणाली का बेहतर प्रबंधन है तो और बढ़िया है. ऐसे क्षेत्र में नींबू की खेती करना सबसे ज्यादा अच्छा और आसान है.
उयदसिंह ने बताया, “नींबू की खेती के लिए भूमि की गहराई 2.5 मीटर होनी चाहिए. ध्यान रहे कि जिस जगह पर पानी अधिक जमा होता हो, वहां इसकी खेती नहीं करनी चाहिए.”
तापमान
नींबू की खेती के लिए गर्म हवा का चलना बेहतर है. पाले से इसे बचाने की जरूरत है. तापमान की बात करें तो इसके लिए 29 से 32 डिग्री का तापमान बढ़िया है. अच्छी वृद्धि में इतना तापमान साहायक है. बरसात 750 एमएम से अधिक हो तो, ऐसे में इसे बचाने की जरूरत है.
सेहत के लिए फायदेमंद
उदयसिंह ने बताया कि उनके द्वारा उगाए गए नींबू सेहत के लिए फायदेमंद है. उनमें विटामिन सी का बेहतर स्रोत है और साथ ही, उसमें थियामिन, रिबोफ्लोविन, नियासिन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. यह खराब गले, कब्ज और किडनी की समस्या में सहायक है. साथ ही ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करने के लिए भी लोग उनके नींबू को खरीदते हैं.