भारत के किसानों की भी रुचि इस ओर लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में खेत की उर्वकता को प्राकृतिक रुप से बढ़ाने में केंचुओं का योगदान बढ़ता जा रहा है. केंचुओं का उपयोग करके जैविक खाद बनाई जाती है और इस खाद को वर्मी कंपोस्ट खाद भी कहते हैं.
केंचुआ खाद तैयार करने की विधि-
• केंचुआ खाद बनाने के लिए एक अंधेरी और हवादार जगह का चयन करें. ऐसे स्थान पर 2 मीटर लंबा एवं 1 मीटर चौड़ी जगह के चारों ओर मेड़ बना लें, जिससे कम्पोस्टिंग को आसानी से एकत्र किया जा सके.
• सबसे नीचे वाली परत पर सड़ा हुआ गोबर या वर्मी कम्पोस्ट के साथ थोड़ी उपजाऊ मिट्टी मिलाकर फैला दें, जिससे केंचुओं को प्रारंभिक अवस्था में भोजन मिल सके. इसके बाद 40 से 60 केंचुओं को प्रति वर्ग फीट के हिसाब से उसमें डाल दें. उसके बाद रसोई घर की सब्जियों के अवशेष आदि की एक परत उस पर डालें, जो लगभग 10-12 इंच मोटा हो.
• इसके बाद इसकी दूसरी परत को पुआल, सुखी पत्तियां, गोबर आदि को आधा सड़ाकर दूसरे परत के ऊपर डाल दें. फिर प्रत्येक परत के बाद इस पर हल्के पानी का छिड़काव करें.
• कंपोस्ट के आखिरी परत पर 3-4 इंच मोटी गोबर की परत डालकर उसे ऊपर से ढँक दें, जिससे केंचुए आसानी से ऊपर नीचे घूम सकें. आपको बता दें कि प्रकाश की उपस्थिति में केंचुओं का आवगमन कम हो जाता है, जिससे खाद बनाने में समय लग सकता है, इसीलिए परत को ढकना बिल्कुल ही आवश्यक होता है.
• 50 से 60 दिनों के बाद आपकी वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाएगी. सबसे ऊपर की परत को हटाएं तथा उसमें से केंचुओं को निकाल लें. इस प्रकार नीचे की परत को छोड़कर बाकी खाद इकट्ठा कर लें. और छलनी से चलाकर केंचुओं को अलग कर ले, ताकि केचुओं को दोबारा उपयोग में लाया जा सके.
केंचुआ खाद से लाभ-
• केंचुआ खाद की उर्वरक क्षमता साधारण खाद की तुलना में काफी ज्यादा होती है, इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी काफी होती है.
• यह खेती की भूमि की उर्वरता को भी बढ़ाता है और यह फसलों की ऊपज में भी सहायता करता है. इसका उपयोग मुख्य रुप से फल और फूल के पौधों के साथ-साथ किचन गार्डेन में भी किया जाता है.
• वर्मी कम्पोस्ट खाद के प्रयोग से मिट्टी में वायु का संचार सुचारू रूप से होता है. यह खाद भूमि संरचना एवं भौतिक दशा सुधारने में भी सहायक होता है.
• इस खाद में कार्बिनक पदार्थों का विघटन करने वाले एंजाइम काफी मात्रा में होते हैं, जो वर्मी कम्पोस्ट के एक बार प्रयोग करने के बाद लंबे समय तक भूमि में सक्रिय रहते हैं.
• इसका प्रयोग मिट्टी की जलधारण क्षमता को भी बढ़ाता है. इसके प्रयोग से फसलों की उपज में 20-25% तक की वृद्धि होती है.
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केंचुआ खाद बनाने की लागत और कमाई-
बाजार में 600 केंचुओं की कीमत लगभग 5,000 रुपए तक होती है, यदि आप 2,000 वर्गफीट में केंचुआ पालन करते हैं, तो इससे करीब 8,000 केंचुए पनप जाते हैं. आपको पहली बार इसका पूरा सेटअप बनाने में करीब 2 से 3 लाख रुपये का खर्च आ सकता है, उसके बाद आप आराम से 6 से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.