Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 21 August, 2023 11:45 AM IST
E-crop based smart farming

ई-फसल आधारित स्मार्ट फार्मिंग (ई-सीबीएसएफ) एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरण है, जो अपने वैज्ञानिक तकनीकी से मौसम और मिट्टी की स्थिति का जायजा करता है और उसमें सही और उचित फसल पैदा करने की जानकारी मुहैया कराता है. इस तकनीक को आईसीएआर-सीटीसीआरआई, तिरुवनंतपुरम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संतोष मिथरा द्वारा विकसित किया गया था. इस उपकरण के माध्यम से खेती में अच्छी उपज पैदा करने और खेत की फसलों की नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और पानी जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति  करता है.

ई-फसल आधारित स्मार्ट खेती के लाभ

इस युग में कृषि में प्रौद्योगिकी की बहुत जरुरत होती है. यह तकनीक प्रदूषण कम कर सकती है और जलवायु को स्वस्थ भी बनाए रखने में मदद करती है. इसकी मदद से सही समय पर पौधों की वृद्धि के साथ उसका फर्टिगेशन कर उर्वरक और पानी की सही मात्रा प्रदान की जा सकती है. यह तरीका पारंपरिक खेती की तुलना में बहुत ही फायदेमंद है.

ई-सीबीएसएफ के उपयोग का तरीका

यह ई-क्रॉप फर्टिगेशन तकनीक अपनी एआई तकनीक से माध्यम से आवश्यकताओं को टेक्स्ट संदेश के माध्यम से स्मार्ट फर्टिगेशन सिस्टम को भेजता है. सिस्टम संदेशों को डिकोड करता है और संदेश में मात्रा के अनुसार संबंधित कंटेनर से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम और पानी को पौधों को प्रदान करता है.

ये भी पढ़ें: जैविक खेती के नुस्खे और खाद के लाभ के बारे में जानिए

फिर यह इन सभी तत्वों को मिश्रण कक्ष में भेजता है, जहां पोषक तत्वों को पानी के साथ मिलाया जाता है और ड्रिप स्प्रिंकलर के माध्यम से फसलों तक पहुंचाया जाता है. इस तकनीक का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसे आप मोबाइल उपकरण के माध्यम से दुनिया के किसी जगह से भी संचालित कर सकते हैं. इस तकनीक को कसावा, शकरकंद और केले जैसी तमाम फसलों पर उपयोग किया जा सकता है. यह पारंपरिक खेती की तुलना में 50% अधिक उपज देता है.  

English Summary: e-crop based smart farming give good production
Published on: 21 August 2023, 11:48 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now