दस बजिया फूल लगभग सभी लोगों ने देखा होगा लेकिन नाम सुनकर शायद कन्फ्यूज हो जाएंगे. क्योंकि इसे नौबजिया, टेबल रोज, मोस रोज आदि के नाम से भी जाना जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में लोग इसे अलग-अलग नाम से बुलाते हैं. दिलचस्प बात यह है कि दसबजिया ऐसा फूल है, जिसमें कोई सुगंध नहीं होता है. यह सुबह खिलता है और शाम तक मुरझा जाता है. हालांकि इसका रंग आपके घर और बगीचे की शोभा बढ़ाने का काम करता है. बता दें कि इस फूल को दस बजिया इसलिए कहते हैं क्योंकि यह फूल सूरज उगने के बाद खिलता है. लगभग 10 से 12 बजे के बीच यह फूल पूरी तरह से खिल उठता है. तो आइए दस बजिया फूल के बारे में विस्तार से जानें.
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है यह फूल
दस बजिया हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. इसमें फ्लेवोनोइड्स, अल्कलॉइड्स, पॉलीसेकेराइड्स, फैटी एसिड, टेरपेनोइड्स, स्टेरोल्स, प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इस फूल से सनबर्न, कीड़े काटना, एक्जिमा, खुजली, स्किन की सूजन, फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बों आदि जैसी समस्या को चुटकियों में दूर कर सकते हैं. बाजार में इस फूल की काफी डिमांड है. कई दवा बनाने वाली कंपनियां मुंह मांगी कीमत में इस फूल को खरीदने को तैयार रहती हैं.
ये है उगाने का तरीका
दस बजिया फूल को अपने घर में आसानी से छोटे गमलों में उगा सकते हैं. वैसे तो इस फूल को किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन अधिक उत्पादन के लिए रेत वाली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. वहीं, इसके पौधों को नाइट्रोजन काफी पसंद होता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इनके पौधों में जितना नाइट्रोजन डालें, उतना ही ज्यादा फूल खिलते हैं. इसके लिए गोबर खाद व वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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गमले में मिट्टी और खाद डालने के बाद दस बजिया फूल के पौधों को ठीक से लगाएं. कुछ दिन बाद फूल खिलने लगेंगे. खास बात यह है कि इसको ज्यादा केयर करने की भी आवश्यकता नहीं होती है. केवल नियमित रूप से सुबह पौधों में पानी डालना होता है. फूल तैयार होने के बाद हर रोज सुबह आपके घर की शोभा बढ़ाने का काम शुरू कर देते हैं.