फसलों की पैदावार बढ़ाने में उन्नत और अच्छी किस्मों (Improved And Good Quality) की बहुत बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि अच्छी किस्म ही सफल खेती का और किसानों की खुशहाली का आधार होती है. ऐसे में बेहतर उत्पादन के लिए किस्मों का सही चयन करना चाहिए. तो आइए आज हम आपको बैंगन की कुछ उन्नत किस्मों (Some Improved Varieties Of Brinjal) की जानकारी देते हैं, जिससे आपको ज्यादा उत्पादन मिलने के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी मिलेगा.
बता दें कि बैंगन क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण सब्जी होती है. इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण बाज़ार में बहुत अधिक कीमत नहीं होती हैं, इसलिए आम लोग बैंगन खरीदना पसंद करते हैं. बैंगन की सब्जी विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों में उगाई जाती है और इसलिए बैंगन की खेती (Brinjal Farming ) पूरे देश में की जाती है. पिछले 15-20 वर्षों के दौरान अनुसंधान के माध्यम से बैंगन की कई उन्नत और संकर किस्मों को विकसित किया गया है. जिनमें से कुछ उन्नत किस्में पूसा पर्पल क्लस्टर, पूसा परपल राउंड, पूसा परपल लोंग एवं पूसा हाईब्रिड-6 आदि हैं.
पूसा पर्पल लॉन्ग किस्म (Pusa Purple Long variety)
बैंगन की यह किस्म आमतौर पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में उगाई जाती है. इस प्रकार का बैंगन लंबा और चमकदार और हल्के बैंगनी रंग का होता है. इसकी उपज क्षमता 25-27 टन प्रति हेक्टेयर है.
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यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गयी है. यह किस्म के फल मध्यम आकार के होते हैं, साथ ही इनकी लम्बाई (10-12 सेमी होती है. यह फलों के साथ उच्च उपज देने वाली, जीवाणु विल्ट प्रतिरोधी बैंगन किस्म है. गहरे बैंगनी रंग के आयताकार फल गुच्छों में पैदा होते हैं.
पूसा पर्पल राउंड किस्म (Pusa Purple Round variety)
ये बैंगन आकार में गोल और बैंगनी रंग के होते हैं, जिनका वजन औसतन 130-140 ग्राम होता है. हरे-बैंगनी रंग के मोटे तने के साथ पौधे बहुत लंबे होते हैं.