Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 3 January, 2023 9:37 AM IST
चिरायता की खेती की पूरी जानकारी

चिरायता एक औषधीय पौधा है. इसे ऊंचाई वाली जगहों पर उगाया जाता है. यह कड़वा और बहुशाखित और द्विवर्षीय पौधा है. इसकी लंबाई 1.5 मीटर तक होती है. इसका तना चार कोणीय और बेलनाकार का होता है. इसकी पत्तियां चौड़ी, विपरीत, भालाकार और स्थानबद्ध होती हैं. यह पौधा समशीतोष्ण क्षेत्रों में समुद्र तल से 1200 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर तेजी से वृद्धि करता है.

मिट्टी

इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भुरभुरी और बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. मिट्टी में खाद की उचित मात्रा भी जरूर मिलाएं. यदि मिट्टी अधिक चिकनी हो तो उसमें कुछ मात्रा में रेत को मिला दें. बारिश के मौसम में चिरायता के पौधो को 100 से 150 सेंटीमीटर वर्षा की जरूरत होती है. ठंडी वाले इलाकों में इन पौधों को आसानी से ऊगाया जा सकता है.

रोपाई

चिरायता को रोपाई करने से पहले उन्हें नर्सरी में तैयार किया जाता है. पौधों को 10 से 15 सेंटीमीटर की दूरी की कतारों में लगाया जाता है ताकि बीज अच्छी तरह से अंकुरित हो सकें. बीजों को अक्टूबर के महीने में नर्सरी में लगाया जाता है और 20 से 25 दिन में पौधे तैयार हो जाते हैं. एक हेक्टेयर के खेत में चिरायता की रोपाई के लिए लगभग 250 ग्राम बीज की जरूरत होती है. इन बीजों को अंकुरीत होने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं.

सिंचाई

चिरायता की सिंचाई के दौरान इस बात का ध्यान रखे कि खेत में जल भराव न हो. वर्षा ऋतु में विशेष रूप से खेत के चारो ओर उचित दूरी पर खुदाई करते हुए नालियों को तैयार करें और जरूरत पड़ने पर गर्मी और सर्दी के मौसम में एक से दो दिन के अंतराल पर खेतों में पानी देते रहें.

कटाई

चिरायता के पौधे अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच पककर तैयार हो जाते हैं. पौधो की कटाई के बाद उन्हें एकत्रित कर लें और इनके सूखे हुए बीजों को जूट के थैलों या हवा बंद डिब्बों में भंडारित कर लें.

ये भी पढ़ेंः चिरायता की खेती कर किसान कमाएं तगड़ा मुनाफा, क्योंकि इसमें है कई आयुर्वेदिक गुण

कमाई

चिरायता के पौधे का उत्पादन एक हेक्टेयर के खेत में करीब 25 से 30 क्विंटल तक होता है. वर्तमान समय में चिरायता का बाजार में भाव 2500 से 3000 रूपए प्रति क्विंटल तक है. किसान भाई इसकी खेती कर प्रति हेक्टेयर की फसल से लगभग 60 से 80 हज़ार रुपए तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं.

English Summary: Cultivation and production of absinthe
Published on: 03 January 2023, 09:48 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now