इलायची एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है. इसे वेलाडोडा, विलायाची, वेलदोडा, इलाची और एला के नाम से भी जाना जाता है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है. सांसों की बीमारी, दांत दर्द, मुंह में छाले और पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसे खाद्य पदार्थों में खुशबू के लिए उपयोग किया जाता है. भारत के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इसका उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है. आज हम आपको बड़ी इलायची की खेती के तरीके के बारे में बताएंगे. इसकी खेती कर आप काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
खेती का तरीका
मिट्टी
बड़ी इलायची की खेती के लिए लाल दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. इस मिट्टी का पीएच 5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. इलायची के पौधे के आस-पास चारों तरफ बड़े पेड़ जैसे आम, अमरुद, संतरा आदि के पौधे होने से इसको छाया मिलती है. जो इलायची की अच्छी वृद्धि के लिए सहायक होते हैं. आपको बता दें कि एक बार बड़ी इलायची का पौधा लगाने पर यह लगभग अगले 10 सालों तक यह पैदावार करता रहता है.
रोपाई
बड़ी इलायची की रोपई जुलाई या अगस्त के महीने से की जाती है. पौधे की रोपाई करने से पहले 30 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा खोद लें. इसके बाद इसमें जैविक खाद या गोबर की खाद मिलाकर गड्डे को भर दें और फिर गड्डे में पौधे को लगाएं. याद रखें कि एक पौधे से दूसरे पौधे की बीच की दूरी 1 से 1. 5 मीटर ही रखें. इस तरह एक हेक्टेयर खेत में कम से कम 400 पौधे लगेंगे. खेत के चारों ओर बड़े व छायादार पेड़ होने चाहिए ताकि पौधों को छाया मिलती रहे.
सिंचाई
पौधों को खेत में लगाने के तुरंत बाद सिंचाई करनी होती है. हालांकि बारिश के मौसम में इसके सिंचाई की जरुरत नहीं होती है. गर्मियों के मौसम में नमी बनाये रखने के लिए पौधों को समय–समय पर पानी देते रहना चाहिए. सर्दियों के मौसम यह अंतराल 10 से 15 दिन का होता है.
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पैदावार
इलायची के पौधे को तैयार होने में लगभग 3 वर्ष का समय लग जाता है. एक हेक्टेयर के खेत में सूखी हुई इलायची की पैदावार लगभग 150 से 200 किलो के आसपास होती है. बाजार में इसका प्रति किलो भाव 2 से 3 हजार रूपए प्रति किलो है. आप किसान भाई भी इसकी खेती कर आराम से दो से तीन लाख रूपये तक की कमाई कर सकते हैं.