अगर नियमित रूप से फसलों का ध्यान न रखा जाए तो वह खराब हो जाती हैं. जिससे किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. आजकल कीट, बेमौसम बारिश व जलवायु परिवर्तन से फसलों के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिल रही है. सरकार किसानों को नुकसान से बचाने के लिए समय समय पर फसलों के लिए एडवाइजरी जारी करती है. एक राज्य सरकार ने फसल के उत्पादन में कमी को ध्यान में रखते हुए किसानों को कई सलाह दी हैं. आइए, उसके बारे में विस्तार से जानें.
सब्जी की खेती करने वाले किसानों को यह सलाह
पंजाब सरकार ने अपने यहां के किसानों के लिए लिए एक एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने सब्जियों की फसल लगाने वाले देश के सभी किसानों को नियमित रूप से चार पांच दिन पर सिंचाई करने की सलाह दी है. इसके अलावा, सरकार ने फलों के बगीचे लगाने वाले लोगों को भी समय-समय पर हल्की सिंचाई करने को कहा है.
फसल भंडारण पर एडवाइजरी
अनाज के भंडारण को लेकर भी पंजाब सरकार की तरफ से जरुरी सलाह दी गई है. किसानों से अनाज को पूरी तरह से सूखाकार गोदाम में रखने की अपील की गई है. क्योंकि सही से गोदाम में नहीं रखने पर कीट व चूहों के चलते 25 प्रतिशत से अधिक अनाज खराब हो जाते हैं. वहीं, सूखाकर उन्हें गोदाम में रखा जाए तो वे जल्दी नष्ट नहीं होंगे.
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धान की खेती करने वाले किसानों को इस बात का रखना होगा ध्यान
पंजाब सरकार ने किसानों को धान की खेती के लिए भी एडवाइजरी जारी की है. उन्हें खरीफ सीजन के लिए खेत तैयार करने, पानी बचाने, पुआल के प्रबंधन करने और कम समय में उत्पादन देने वाली फसलों को चुनने की सलाह दी गई है. धान की खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को धान की उन किस्मों की फसल लगाने की सलाह दी है, जिसमें पानी की खपत ज्यादा नहीं होती है. इसके अलावा, उन्हें सीधी बिजाई के भी सुझाव दिए गए हैं. कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर इससे संबंधित और भी जानकारी उपलब्ध हैं. जिसे देखने के लिए साइट पर विजिट कर सकते हैं.
कपास की खेती करने वाले किसानों को सलाह
इसके अलावा, पंजाब में कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि इस समय बीटी कपास पीएयू बीटी 1, पीएयू बीटी 2 जैसी किस्मों की बुवाई हो सकती है. वहीं, गैर-बीटी कपास एफ 2228 और एलएच 2108 और बीटी संकर कपास बीज को पॉलिथीन की थैलियों में बोने की सलाह दी गई है. साथ ही फसलों को सुबह और शाम में बिजाई करने को कहा गया है. इसके अलावा, कपास की फसलों को सफेद मक्खी से बचाने के लिए खेत की मेड़ और सिंचाई नहरों पर उगने वाले खरपतवारों को खत्म करने की सलाह दी है.