सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 May, 2020 11:43 AM IST

भारत में धनिया को बहुत से कामों में उपयोगी माना जाता है. मुख्य तौर पर इस फसल को किसान मसालों के रूप में बेचते है. इसकी पत्तियों को खाने में स्वाद बढ़ाने और खाने को सजाने के लिए उपयोग किया जाता है. देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो धनिया पत्ती की चटनी खाना खूब पसंद करता है.

इसकी सबसे अधिक मांग उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार जैसे राज्यों में है. वहीं आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कनार्टक में भी लोग धनिया को खूब पसंद करते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप इसकी खेती कर सकते हैं.

जलवायु

धनिया को खूले धूप की जरूरत होती है. इसकी खेती बहुत अधिक ठंड में नहीं हो सकती. वैसे इसकी खेती किसी भी तरह की मिट्टी में हो सकती है, लेकिन सबसे उपयुक्त अच्छी दोमट भूमि अच्छी मानी गई है. वहीं असिंचित फसलों के लिए काली भारी भूमि सबसे उपयुक्त है.
उत्पादन को बढ़ाने के लिए जैविक खादों का उपयोग ही पर्याप्त है.

खेत की तैयारी

सबसे पहले खेतों को जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बनाना जरूरी है. धनिया की बुवाई पंक्तियों में करना अधिक लाभकारी है. कूड में बीजों की गहराई करीब 2 से 4 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए. ध्यान रहे कि इसके बीजों को अधिक गहराई पर बोने से अंकुरण कम होता है.

सिंचाई

मिट्टी में इसकी पहली सिंचाई लगभग 30 से 35 दिन बाद होनी चाहिए, इसी तरह दूसरी सिंचाई लगभग 50 से 60 दिन बाद होनी चाहिए. तीसरी सिंचाई के लिए 80 दिनों को इंतेजार करें. वैसे मौसम को देखते हुए मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए आप जरूरत अनुसार सिंचाई कर सकते हैं.

फसल कटाई

धनिया की पत्तिया अगर पीली औऱ  धनिया डोड़ी का रंग चमकीला भूरा या पीला हो गया है, तो समझ लीजिए कि आपकी फसल कटाई के लिए तैयार है. कटाई के बाद इसके छोटे-छोटे बंडल बना लें और 1 से 2 दिन तक खेत में खुली धूप में सूखाए.

English Summary: Coriander farming will give huge profit to farmers know more about Coriander and farming
Published on: 05 May 2020, 11:43 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now