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Updated on: 1 November, 2019 12:38 PM IST

बायोचार उच्च कार्बन युक्त ठोस पदार्थ है. जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में उच्च तापमान पर तैयार किया जाता है. बायोचार से बहुत ही प्रभावी उर्वरक परोलिसिस प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जा रहा है. जो मृदा की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बायोचार शब्द दो शब्दों का संक्षिप्त रूप हैबायो और चारकोल. चारकोल यानी लकड़ी का कोयला या अन्य अपशिष्ट को परोलिसिस प्रक्रिया द्वारा बायोचार तैयार किया जाता है.

मृदा में कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ाने में बायोचार अपनी छिद्रयुक्त आंतरिक संरचना के कारण उपयोगी साबित हो रहा है. बायोचार सूक्ष्म पोषक तत्व को पौधौं को प्राकृतिक रूप से उपलब्ध करने में एवं मिट्टी की बनावट में सुधार करने भी मदद करता है. इसके अलावा बायोचार वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को संचय कर जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है.

हाल ही में हुए शोधो से ये जानने की कोशिश की गयी की क्या बायोचार एवं भारी धातु सहिष्णु बैक्टीरिया के संयुक्त प्रयोग से, क्या बायोचार के लाभ को और अधिक बढ़ाया जा सकता? क्या प्रदूषित मृदा को इन के संयुक्त प्रयोग से सुधारा जा सकता है? और क्या मृदा प्रदूषक की विषाक्ता काम की जा सकती है और उसमें उगने वाले पौधों अपनी वृद्धि सामान्य गति से कर सके गे। इसी श्रृंखला में साउथर्न फेडरल यूनिवर्सिटी, रूस अत्यधिक प्रदूषित मृदा (Zn: 62032.1, Mn: 426.4, Cr: 154.1, Cu: 146.9, Pb: 1591.2, Ni: 80.5, Cd: 10.6 mg/kg) में जो के पौधों को बायोचार (लकड़ी का) एवं बैक्टीरिया (प्रदूषित मृदा से निकाले गए) के साथ उगाये गये. प्रदूषित मृदा में उगे पौधों की तुलना में सामान्य मृदा में उगे पौधों की वृद्धि में ज्यादा अंतर नहीं पाया गया। मृदा में विषाक्त धातुओं के अध्ययन से पता चला कि उनकी गतिशीलता भी धीमी हो गयी और मृदा की संरचना में भी सुधार हुआ.

इसी तरह के कई बार के शोध प्रयोगो से यह निष्कर्ष निकला की यदि 2.5% बायोचार एवं अत्यधिक धातु सहिष्णु बैक्टीरिया की इष्टतम कालोनियों के संयुक्त प्रयोग काफी हद तक प्रदूषित मृदा में उगने वालो पौधों की वृद्धि सामान्य कर सकता है तथा प्रदूषण की विषाक्तता को भी कम किया जा सकता है और पौधों में संचित हुई धातुओं को सुरक्षित स्थान पर फेका जा सकता है. हालांकि अभी ये ज्ञात नहीं हुआ है की मृदा में बायोचार और बैक्टीरिया किस प्रक्रिया के तहत काम करते है और क्या बायोचार एवं बैक्टीरिया के इस आपसी संबंध का और भी प्रभावी बनाया जा सकता है जिससे की बायोचार के प्रयोग का अत्यधिक सकारात्मक लाभ मिल सके.

बढ़ती मानवजनित गतिविधियाँ तथा उसका भू-रासायनिक क्रियायो पर पड़ता प्रभाव, भारी धातु (हैवी मेटल्स) के संचय को मृदा की ऊपरी सतह पर बढ़ा रहा है। जिसके कारण भारी धातु की विषाक्ता और बढ़ जाती है, जो मानव, जीव जन्तु व पौधों इत्यादि के लिये अत्यधिक घातक हो सकते है। मृदा प्रदूषण आज देश की ही नहीं पूरे विश्व की गंभीर समस्या बना हुआ है. बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्यान्न उपलब्ध करने के लिए मृदा का स्वस्थ एवं उपजाऊ होना अत्यधिक आवश्यक है. पिछले कई दशकों से मृदा सुधार की कई विधियां अपनायी जा रही है किन्तु कुछ न कुछ सीमाओं बजह से विषाक्त धातुओं का उपचार सुचारु रूप से नहीं हो पता, ऐसे में यह नयी तकनिकी बहुत ही कारगर साबित हो सकती है चूँकि यह पर्यावरण अनुकूल है जिसके किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होने की सम्भावना है.

References

Gorovtsov, A., Rajput, V., Tatiana, M., Saglara, M., Svetlana, S., Igor, K., Grigoryeva, T. V., Vasily, C., Iraida, A., Vladislav, Z., Elena, F., and Hasmik, M. (2019). The role of biochar-microbe interaction in alleviating heavy metal toxicity in Hordeum vulgare L. grown in highly polluted soils. Applied Geochemistry 104, 93-101. https://doi.org/10.1016/j.apgeochem.2019.03.017 (IF-2.9)

Gorovtsov, A. V., Minkina, T. M., Mandzhieva, S. S., Perelomov, L. V., Soja, G., Zamulina, I. V., Rajput, V. D., Sushkova, S. N., Mohan, D., and Yao, J. (2019). The mechanisms of biochar interactions with microorganisms in soil. Environmental Geochemistry and Health. https://doi.org/10.1007/s10653-019-00412-5 (IF-3.25)


डॉ. विष्णु राजपूत

साउथर्न फेडरल यूनिवर्सिटी, रूस

ई-मेल : rajput.vishnu@gmail.com

English Summary: Combined effort of biochar and bacteria will improve polluted soil
Published on: 01 November 2019, 12:42 PM IST

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