देश के किसान परंपरागत फसलों से दूरियां बनाकर नई फसलों की खेती को अपना रहे हैं. इनमें से एक है चिया सीड्स. चिया सीड्स की बुवाई अक्टूबर और नवम्बर में करके किसान बाजारों में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें मौजूद पोषक तत्व ओमेगा-3 फैटी एसिड के गुणों से भरपूर है. साथ ही चिया सीड्स इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है. इसलिए शहरों में चिया सीड्स की ज्यादा मांग है और इसे लोग पानी या दूध में मिलाकर पीते हैं. इस वजह से किसानों को इसके अच्छे दाम मिल जाते हैं.
चिया सीड्स क्यों हैं खास?
चिया सीड्स काले रगं के बीज होते हैं, जो सैल्विया हिस्पानिकाय/Salvia Hispanica पौधे से प्राप्त किए जाते हैं और आपको जानकर हैरानी होगी. यह पौधा मूल रूप से दक्षिण अमेरिका का है. चिया सीड्स के बीज में विभिन्न पोषक तत्व ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. तभी बाजार में इसकी ज्यादा मांग है.
बुवाई का समय
अगर किसान इस खेती की बुवाई करने की सोच रहे हैं तो इस फसल को अक्टूबर से नवम्बर के महीने में बुवाई कर सकते हैं. यह समय चिया सीड्स की फसल के लिए उत्तम माना जाता है. अगर किसान 1 एकड़ में इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो 4 से 5 किलोग्राम बीजों में ही 1 एकड़ में आराम से खेती कर सकते हैं.
चिया सीड्स खेती के लिए कौन से राज्य हैं उपयुक्त?
भारत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश इन राज्यों को चिया सीड्स की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. इन राज्यों का मौसम और मिट्टी की स्थिति इस फसल के लिए उत्तम मानी जाती है और तो और कई किसानों ने व्यावसायिक स्तर पर इस खेती को अपना लिया है.
तीन महीनें में 6 लाख की कमाई
चिया सीड्स की ये खासियत है ये कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफा दिला देती है. साथ ही चिया सीड्स की कीमत बाजार में 800 से 1000 रुपये प्रति किलो तक होती है. यदि किसान 1 एकड़ में औसतन 6 क्विंटल (600 किलो) उत्पादन मिलता है, तो उसकी आमदनी 4.8 लाख से 6 लाख तक पहुंच सकती है और यही कारण है किसान अब गेंहू की खेती छोड़कर चिया सीड्स की ओर बढ़ रहे हैं.